उमर अब्दुल्ला ने 2014 में सरकार गठन के लिए बिना शर्त भाजपा से की थी पेशकश: देवेंद्र राlणा, भाजपा के सीएम पर भी सहमत थी नेशनल कांफ्रेंस, भाजपा ने ठुकराया था आग्रह
जम्मू, 3 सितंबर (हि.स.)। भाजपा के नगरोटा विधानसभा सीट से उम्मीदवार एवं नेशनल काफ्रेंस के पूर्व संभागीय अध्यक्ष रह चुके देवेंद्र सिंह राणा ने मंगलवार को बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि 2014 के विधानसभा चुनाव में पार्टी नेताओें के साथ उमर अब्दुल्ला ने दिल्ली मेें भाजपा के सीनियर नेताओं से मुलाकात कर भाजपा को जम्मू कश्मीर में सरकार गठन की पेशकश की थी।
छन्नी हिम्मत स्थित भाजपा के चुनाव वार रूम में मंगलवार को संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए राणा ने यह बात कही। राणा ने कहा नेकां के नेता जिसमें उमर अब्दुल्ला भी शामिल हैं, वह कश्मीर में लोगों को गुमराह करने के लिए कह कर रहे हैं कि केवल नेशनल कांफ्रेंस भारतीय जनता पार्टी से लड़ाई लड़ रही है। इस अवसर पर भारतीय जनता पार्टी के नेशनल प्रवक्ता आरपी सिंह, प्रदेश प्रवक्ता अरूण गुप्ता (मीडिया सेंटर प्रभारी) और जम्मू कश्मीर के मीडिया प्रमुख डा. प्रदीप महोत्रा भी मौजूद रहे।
उन्होंने कहा सच्चाई यह है कि नेकां के 2014 के विधानसभा चुनाव में 15 विधायक थे और भारतीय जनता पार्टी के 25। सत्ता में बने रहने के लिए उमर अब्दुल्ला भाजपा के साथ गठबंधन के लिए सहमत थे और दिल्ली में भाजपा नेताओं में अमित शाह और राम माधव के अलावा संघ के कई नेताओं से वह मिले थे और मिलकर सरकार गठन की पेशकश की थी। भाजपा ने उनकी पेशकश को ठुकरा दिया था। पीडीपी नेता एवं पूर्व सीएम मुफती मोहम्मद सईद के निधन के बाद भी नेकां ने सरकार गठन के लिए कोशिश शुरू की थी। डा. फारूक अब्दुल्ला ने कट़डा में भी कहा था कि भारतीय जनता पार्टी के साथ सरकार बनाने के लिए तैयार है। लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने डा. फारूक अब्दुल्ला का आफर ठुकरा दिया।
विधानसभा चुनाव 2024 में उमर अब्दुल्ला कह रहे हैं कि नेशनल कांफ्रेंस को छोडकर हर पार्टी भारतीय जनता पार्टी के साथ मिली हुई है। राणा ने कहा उमर अब्दुल्ला को यह नहीं भूलना चाहिए कि वह खुद भी भारतीय जनता पार्टी की बदौलत केंद्र में मिनिस्टर रह चुके हैं। राणा ने कहा उमर अब्दुल्ला कहते हैं कि राम माधव के जम्मू कश्मीर में भाजपा का चुनाव सह प्रभारी बनने से पीडीपी एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी को समर्थन दे सकती है। उन्होंने कहा उमर अब्दुल्ला बारामूला लोकसभा सीट हारने के बाद बौखला गए हैं।
उन्होंने आगे कहा कि नेशनल कांफ्रेंस गुज्जरों, अनुसूचित जाति, जनजाति आदि के आरक्षण को खत्म करने की बात कर रही है। कश्मीर में हिंदुओं के आस्था के केंद्र शंकराचार्य का नाम बदलकर तख्त ए सुलेमानी करने और पत्थरबाजों को जेलों से रिहा करने की बात कर रही है। भारतीय जनता पार्टी ऐसा कभी होने नहीं देगी। डा. अंबेडकर के बनाए संविधान से छेड़छाड़ की अनुमति किसी को नहीं दी जा सकती। उन्होंने कहा विधानसभा चुनाव में नेशनल कांफ्रेंस को जम्मू कश्मीर की जनता नकारेगी और भारतीय जनता पार्टी जीत दर्ज कर अपनी सरकार बनाएगी।
हिन्दुस्थान समाचार / राहुल शर्मा