नटरंग थिएटर में मिस वर्ल्ड अनडिक्लेयर्ड का मंचन, नस्लीय भेदभाव पर प्रकाश डाला

 


जम्मू, 20 अक्टूबर (हि.स.)। विचारोत्तेजक प्रदर्शनों की अपनी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए कच्ची छावनी में नटरंग के स्टूडियो थिएटर ने रविवार थिएटर श्रृंखला के हिस्से के रूप में सत्येंद्र श्रीवास्तव द्वारा लिखित और नीरज कांत द्वारा निर्देशित हिंदी नाटक मिस वर्ल्ड अनडिक्लेयर्ड प्रस्तुत किया। नाटक ने विकसित यूरोपीय देशों में रहने वाले एशियाई लोगों द्वारा सामना किए जाने वाले नस्लीय भेदभाव के गहरे मुद्दे को संबोधित किया।

यह कहानी एशियाई मूल की स्कूल जाने वाली लड़की नूरी के जीवन पर आधारित है जिसे उसके गोरे रंग के सहपाठियों द्वारा नियमित रूप से बदमाशी का सामना करना पड़ता है। वे उसकी सुंदरता के अपने मानकों को पूरा न करने के लिए उसका मजाक उड़ाते हैं जिसके कारण नूरी स्कूल छोड़ने के बारे में सोचती है। हालांकि उसकी समझदार मां आगे आती है और उसे एक गहरा सबक देती है कि सुंदरता अंदर ही होती है। मां इस बात पर जोर देती है कि असली सुंदरता एक अच्छे दिल और शांत दिमाग से आती है यह एक ऐसा संदेश है जो नूरी के साथ गहराई से जुड़ता है।

अपनी माँ की समझदारी से प्रेरित होकर नूरी नए आत्मविश्वास के साथ स्कूल लौटती है। घटनाओं के एक उत्थानशील मोड़ में मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता की विजेता एक भारतीय लड़की के रूप में सामने आती है जो इस बात का प्रतीक है कि सुंदरता त्वचा के रंग से परे होती है। नाटक एक सशक्त नोट पर समाप्त होता है जो इस बात पर जोर देता है कि सच्ची खुशी हम कौन हैं इससे पता चलता है, इससे नहीं कि हम कैसे दिखते हैं। भावनात्मक गहराई से भरा यह प्रदर्शन दर्शकों को आत्म-मूल्य और लचीलेपन का संदेश देता है। दर्शकों को सुंदरता के सामाजिक मानकों को चुनौती देने और अपनी आंतरिक शक्ति को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करता है।

हिन्दुस्थान समाचार / राहुल शर्मा