उपराज्यपाल ने श्रीनगर में विश्वग्राम के अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में मुख्य भाषण दिया जम्मू कश्मीर को शांतिपूर्ण, प्रगतिशील और समृद्ध बनाने के लिए पिछले 5 वर्षों में भारी बलिदान दिए गए हैं —उपराज्यपाल सिन्हा
श्रीनगर, 5 नवंबर (हि.स.)। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने आज जम्मू और कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश में शांति, लोग और संभावनाएँ विषय पर दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में मुख्य भाषण दिया। यह संगोष्ठी विश्वग्राम द्वारा आयोजित की गई थी, जो एक गैर-लाभकारी संगठन है जो पूरे भारत में शिक्षा, करुणा, कला और सेवा को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है।
अपने संबोधन में उपराज्यपाल ने एक उभरते हुए जम्मू-कश्मीर के नए दृष्टिकोण के बारे में बात की, जो शांतिपूर्ण, भयमुक्त, समृद्ध और एकजुट हो और जिसका प्रत्येक नागरिक सशक्त हो और भारत की तीव्र प्रगति से प्रभावित हो। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर को आज जहाँ वह है, वहाँ पहुँचाने के लिए पिछले 5 वर्षों में बहुत बड़े बलिदान दिए गए हैं।
उपराज्यपाल ने कहा कि आज जम्मू-कश्मीर में दिखाई देने वाली शांति ने सभी को परस्पर सम्मान के साथ फलने-फूलने का अवसर दिया है और सभी को सम्मानजनक जीवन जीने का समान अवसर मिल रहा है। शांति का प्रभाव, बेहतर कल के लिए लोगों के प्रयास और बिना किसी भेदभाव के सभी के लिए अपार संभावनाओं को देखा जा सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमने सर्वोपरि, सामाजिक न्याय और समानता के सिद्धांतों का पालन किया है, जिसने लोगों के जीवन और राष्ट्र के इस मुकुटमणि, दोनों को बदल दिया है।
उपराज्यपाल ने आतंकवादी तंत्र को ध्वस्त करने के दृढ़ संकल्प पर भी प्रकाश डाला और शांति, न्याय और समानता बनाए रखने की प्रतिबद्धता व्यक्त की।
उन्होंने कहा हम सामाजिक-आर्थिक विकास को मजबूत करने और अपने युवाओं के सपनों को साकार करने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं। उपराज्यपाल ने कहा कि पाँच वर्षों के भीतर, हमारे बहादुर बलों और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने एक ऐसा जम्मू-कश्मीर बनाया है जहाँ गोलियों और हथगोले की आवाज़ की जगह रागों और नए उत्साह की ध्वनि ने ले ली है।
उपराज्यपाल ने कहा कि हमने एक ऐसा जम्मू-कश्मीर बनाया है जहाँ स्कूलों की दीवारें पत्थरों की टक्कर से नहीं, बल्कि बच्चों की हँसी नवाचार और शिक्षा से गूँज रही हैं। हमने एक ऐसा जम्मू-कश्मीर बनाया है, जहाँ पुलवामा, शोपियाँ और कुलगाम जैसे कस्बे, जो कभी सन्नाटे में डूबे रहते थे, युवाओं के सांस्कृतिक और साहित्यिक केंद्रों में तब्दील हो गए हैं। लाल चौक और पोलो व्यू जैसे बाज़ार अब वीरान नहीं रहे, बल्कि नई रौनक से जगमगा रहे हैं। हमने एक ऐसा जम्मू-कश्मीर बनाया है, जिसमें वितस्ता की लहरों पर नई आकांक्षाएँ तैर रही हैं।
उपराज्यपाल ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग शांति की धड़कन हैं। उन्होंने समाज के सभी वर्गों से शांति भंग करने की कोशिश करने वाले तत्वों के खिलाफ एकजुट होकर काम करने और नशीली दवाओं की लत और युवाओं के कट्टरपंथ के खतरों का मुकाबला करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि शांति, प्रगति और समृद्धि के लिए सभी को कानून के शासन का पालन करना चाहिए।
हिन्दुस्थान समाचार / रमेश गुप्ता