निजी इकाई की महिला श्रमिकों का प्रतिनिधिमंडल अपनी समस्याओं को लेकर जिला उपायुक्त कठुआ से मिला

 


कठुआ 18 जनवरी (हि.स.)। कठुआ में स्थित निजी इकाई की महिला श्रमिकों का एक प्रतिनिधिमंडल अपनी समस्याओं को लेकर जिला उपायुक्त कठुआ से मिला। महिला श्रमिकों का कहना था कि जिस निजी इकाई में वे काम कर रही हैं उन्हें रात्रि शिफ्ट में काम करने के लिए भेजा जा रहा है जिससे वे असंतुष्ट हैं।

प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे भाजपा के वरिष्ठ नेता प्रेमनाथ डोगरा सहित अन्यों ने कहा कि निजी इकाई पिछले 65 वर्षों से कठुआ में कार्यरत है और आज तक कभी भी महिलाओं को रात्रि शिफ्ट में काम करने नहीं भेजा गया। लेकिन अब महिलाओं को रात्रि शिफ्ट में भी काम करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। जिसके चलते महिलाएं असंतुष्ट हैं। महिलाओं का कहना था कि रात के समय वह सुरक्षित नहीं हैं। इसलिए इकाई प्रबंधन इस फैसले को वापस ले और महिलाओं से दिन वाली शिफ्ट में ही काम करवाएं। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर प्रबंधन ने इस फैसले को वापस नहीं लिया तो आने वाले दिनों में उग्र प्रदर्शन करेंगे।

वहीं निजी इकाई प्रबंधन ने बताया कि रात्रि शिफ्ट में काम करने के लिए किसी भी महिला पर दबाव नहीं बनाया जाता है। उन्होंने कहा कि सुबह और दोपहर वाली शिफ्ट में ज्यादातर महिलाएं ही काम करती हैं। जिसकी वजह से दिन की शिफ्ट में महिलाओं की संख्या अधिक होने के कारण 30 से 35 प्रतिशत महिलाओं की वापसी हो जाती है और महिला श्रमिकों के मासिक वेतन में कटौती होती है। उनके मासिक वेतन में कटौती न हो जिसके लिए रात्रि शिफ्ट शुरू की गई है। उन्होंने कहा कि रात्रि शिफ्ट में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर प्रबंधन हर समय तत्पर है, पूरी सुरक्षा के बीच महिलाएं काम करती हैं और लेबर विभाग की अनुमति से ही इस फैसले को लिया गया है। उन्होंने कहा कि किसी भी महिला श्रमिक को रात्रि में काम करने के लिए दबाव नहीं बनाया जाता है जो महिलाएं रात को कम नहीं कर सकती हैं वे ना करें। मासिक वेतन में कटौती से बचाने के लिए इन महिलाओं को रात्रि शिफ्ट में काम करने के लिए एक प्रावधान रखा है लेकिन उन पर कोई दबाव नहीं है।

हिन्दुस्थान/समाचार/सचिन//बलवान