महाशिवरात्रि पर चार पहर पूजा के बाद बिशाल भंडारों का आयोजन किया गया

 


कठुआ 09 मार्च (हि.स.)। जिला कठुआ की पंचायत बसंतपुर के केंडे गांव में शनिवार को महाशिवरात्रि पर्व के उपलक्ष्य पर चार पहर पूजा के बाद हवन कर भंडारे का आयोजन किया गया।

महाशिवरात्रि पर्व पर जिलेभर के शिव मंदिरों में लोगों ने रात को चार पहर पूजा अर्चना की गई। चार पहर पूजा करने वाले शिव भक्तों में नितिन, कुंवर प्रताप सिंह, मनित शर्मा, अनमोल शर्मा, शुभम शर्मा ने बताया कि कठुआ की पंचायत बसंतपुर के केंडे गांव में स्थित शिव मंदिर में पिछले कई वर्षों से महाशिवरात्रि पर्व पर रात को चार पहर पूजा करते हैं। उन्होंने बताया कि चार पहर पूजा में शिव भक्तों ने शिवलिंग पर दूध और गंगाजल चढ़ाकर विधि विधान से पूजा की। प्रत्येक पूजन में शिव मंदिरों में श्रद्धालु स्नान करते हैं। महाशिवरात्रि विशेष पूजा अर्चना रात 9ः00 बजे के बाद मंदिरों में शुरू होती है। पहली पूजा करीब 9ः30 बजे शुरू हुई जोकि 12ः00 बजे के करीब संपन्न हुई। पहली पूजा शुरू होने से पूर्व शिवभक्त स्नान करते हैं और उसके बाद पूजा सामग्री के साथ इस पूजा में बैठते हैं। जिसमें गणेश पूजा, नोग्रह की पूजा और उसके बाद शिवलिंग की पूजा की जाती है। इसी प्रकार करीब आधे घंटे के विश्राम के बाद दूसरी पूजा आरंभ होती है जिसमें गणेश पूजा के बाद सीधी शिवलिंग पूजा की जाती है। इसी प्रकार तीसरे पहर की पूजा में भी इसी प्रकार पूजन किया जाता है और चौथी पूजा में शिवभक्त एक बार फिर से स्नान करते हैं और इस पूजा में भी करीब 2 से ढाई घंटे का समय लगता है। इन चार पहर पूजा में रात भर पूजन करने वाले शिवभक्त सुबह हवन करते हैं और बाद में एक विशाल भंडारे का आयोजन किया जाता है। भंडारे में क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों से आकर लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया। वहीं शिव मंदिर कमेटी के सदस्य जोध सिंह ने बताया कि हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी महाशिवरात्रि पर्व पर रात को चार पहर पूजन के बाद हवन और लंगर का आयोजन किया गया।

हिन्दुस्थान/समाचार/सचिन/बलवान