पोस्ट हार्वेस्टिंग टेक्नोलॉजी थीम पर किसान प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित
कठुआ 03 मई (हि.स.)। जम्मू के शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत केवीके कठुआ के एनआईसीआरए गांव में एक किसान प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया था।
कार्यक्रम माननीय कुलपति डॉ. बीएन त्रिपाठी के नेतृत्व और इसकी संकल्पना डॉ. अमरीश वैद निदेशक एक्सटेंशन एसकेयूएएसटी-जम्मू और डॉ. विशाल महाजन प्रमुख केवीके कठुआ के निर्देशन में आयोजित किया गया। किसान प्रशिक्षण कार्यक्रम का विषय कटाई के बाद की तकनीक था। कार्यक्रम का उद्देश्य किसानों को अपनी फसल की कटाई के बाद नुकसान को कैसे कम करते हैं था। कार्यक्रम में कृषक महिलाओं, किसानों और ग्रामीण युवाओं सहित 20 से अधिक किसानों ने भाग लिया। क्षेत्र के प्रगतिशील किसान गणेश दास ने प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रतिभागियों का स्वागत किया और अपनी कटाई के बाद की तकनीकों के बारे में अपने अनुभव साझा किए। इसके बावजूद केवीके कठुआ के वाईपी-द्वितीय, सुशांत शर्मा ने कटाई के बाद की तकनीकों पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि ये तकनीकें कृषि में महत्वपूर्ण हैं क्योंकि ये उपज की गुणवत्ता, सुरक्षा और मूल्य निर्धारित करती हैं। वहीं हाथ से और मशीनों से कटाई की विभिन्न तकनीकों की भूमिका और महत्व पर प्रकाश डाला गया। इसके बाद उन्होंने मड़ाई के बाद अनाज को सुखाने की अलग-अलग विधि के बारे में जानकारी दी। अंत में उन्होंने किसानों से अनाज भंडारण की विभिन्न विधियों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि तापमान और आर्द्रता नियंत्रण सहित उचित भंडारण की स्थिति अनाज के शेल्फ जीवन को बढ़ाने में मदद करती है। प्रशिक्षण कार्यक्रम में फसल कटाई के बाद भंडारण की स्थिति से संबंधित प्रशिक्षण कार्यक्रम में गांव के जाने-माने किसान रामानंद ने भी अपने विचार साझा किये। उन्होंने यह भी कहा कि केवीके कठुआ के वैज्ञानिकों से सीखी गई कटाई के बाद की तकनीकें उनके कृषि कार्यों की दक्षता, गुणवत्ता और लाभप्रदता में सुधार करने में सहायक रही हैं। कटाई के बाद की तकनीकों के बारे में किसानों द्वारा विभिन्न प्रकार के प्रश्न उठाए गए जिनका वाईपी द्वारा संतोषजनक उत्तर दिया गया। कार्यक्रम का समापन क्षेत्र के प्रगतिशील किसान गणेश दास द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ किया गया।
हिन्दुस्थान समाचार/सचिन/बलवान