संगीत विषय पर दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित
कठुआ 06 दिसंबर (हि.स.)। गिरधारी लाल डोगरा सरकारी डिग्री कॉलेज हीरानगर में संगीत में अंतर अनुशासनात्मक संभावनाएं नामक विषय पर दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन बड़े उत्साह के साथ शुरू हुआ।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि प्रसिद्ध संगीतकार भातखंडे संगीत संस्थान लखनऊ के पूर्व कुलपति पंडित विद्याधर व्यास थे जबकि कठुआ के उपायुक्त राकेश मिन्हास सम्मानित अतिथि थे। इस अवसर पर मुख्य वक्ता पंकज माला शर्मा पूर्व अध्यक्ष संगीत विभाग पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ थीं। दीप प्रज्वलन के बाद प्रिंसिपल जीएलडीएम जीडीसी हीरानगर डॉ. प्रज्ञा खन्ना ने औपचारिक स्वागत भाषण प्रस्तुत किया। प्रिंसिपल ने कहा कि संगीत जीवन का सार है और अंतःविषय अध्ययन के नए युग ने विभिन्न विषयों के बीच अभिसरण और संभावनाओं का पता लगाना प्रासंगिक बना दिया है। उन्होंने कहा कि सम्मेलन इस दिशा में एक कदम है और उन्हें लगा कि सम्मेलन के नतीजे निश्चित रूप से अभिसरण के नए मार्गों में योगदान देंगे।
सम्मेलन को दरभंगा बिहार के हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायक प्रोफेसर लावण्या किरीटी ने भी सम्मानित किया। मुख्य वक्ता प्रोफेसर पंकज माला शर्मा ने संगीत के सभी आयामों पर बहुत ही सुंदर ढंग से प्रकाश डाला और विचारोत्तेजक सम्मेलन के लिए आयोजकों को बधाई दी। इस अवसर के मुख्य अतिथि पंडित विद्याधर व्यास ने अपने संबोधन में अंतर-विषयक समझ की आवश्यकता पर जोर दिया और छात्रों से विषय की गहन समझ रखने का आह्वान किया। संगीत में अंतर-अनुशासनात्मक संभावनाओं के माध्यम से संगीत के माध्यम से सीमाओं को पाटकर संस्कृतियों में सामंजस्य स्थापित करने का प्रयास किया जा रहा है। मतभेदों से भरी दुनिया में संगीत साझा आधार प्रदान करता है जहां साझा अनुभवों और भावनाओं का पता लगाया जा सकता है।
दूसरे सत्र की शुरुआत से पहले केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के विभिन्न हिस्सों से आए संगीत संकाय के सीमा अनिल सहगल, प्रोफेसर रेनू सहगल, प्रोफेसर सीमा शर्मा, डॉ जसमीत कौर और डॉ सुमित मदान को सम्मानित किया गया। सम्मेलन के दूसरे सत्र की अध्यक्षता प्रोफेसर पंकज माला शर्मा ने की और सत्र की वक्ता जर्मनी से मधुबंती शर्मा थीं। सत्र के वक्ता ने एक बार फिर अंतर-अनुशासनात्मक संवाद की आवश्यकता पर जोर दिया ताकि लोगों और विषयों के बीच कृत्रिम सीमाओं को कम किया जा सके। सम्मेलन की कार्यवाही प्रोफेसर राकेश शर्मा, डॉ अरुण कुमार और प्रोफेसर शापिया शमीम द्वारा संचालित की गई। सम्मेलन का पहला दिन संगीत विभागाध्यक्ष डॉ. भारत भूषण के संयोजकत्व एवं डॉ. प्रज्ञा खन्ना के मार्गदर्शन एवं सहयोग में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।
हिन्दुस्थान/समाचार/सचिन//बलवान