किसानों के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण सह जागरूकता कार्यक्रम आयोजित
कठुआ 12 अप्रैल (हि.स.)। जम्मू के शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत कृषि विज्ञान केंद्र कठुआ ने गांव बधौली में एक दिवसीय प्रशिक्षण सह जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया।
कार्यक्रम डॉ. बीएन त्रिपाठी माननीय कुलपति एसकेयूएएसटी जम्मू के नेतृत्व और डॉ. अमरीश वैद निदेशक एक्सटेंशन एसकेयूएएसटी जम्मू के समग्र पर्यवेक्षण के तहत किया गया। कार्यक्रम का आयोजन राष्ट्रीय स्तर पर क्रियान्वित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की परियोजना नेशनल इनोवेशन इन क्लाइमेट रेजिलिएंट एग्रीकल्चर के तहत किया गया था। प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन ब्लॉक डिंगा अंब के गांव बधौली में किया गया, जिसका उद्देश्य किसानों, कृषक महिलाओं और ग्रामीण युवाओं के बीच एनआईसीआरए परियोजना के बारे में जागरूकता पैदा करना है।
शुरुआत में मुख्य वैज्ञानिक और प्रमुख केवीके-कठुआ डॉ. विशाल महाजन ने एनआईसीआरए परियोजना के अधिदेशों की जानकारी दी। उन्होंने इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के मूल उद्देश्य को संक्षेप में समझाया और प्रतिभागियों को भूमि की तैयारी का उचित समय, बुआई का उचित समय, वर्षा की मात्रा, मौसम की स्थिति के आधार पर रोग कीट की रोकथाम के उपाय, उर्वरक आवेदन का समय और आवेदन की मात्रा के बारे में संबोधित किया।
उन्होंने कृषि विज्ञान केंद्र कठुआ के किसान सारथी पोर्टल के बारे में भी चर्चा की, जिसके माध्यम से किसानों को मौसम की जानकारी का पूर्वानुमान प्राप्त होता है जो किसानों के लिए अपने कृषि कार्यों को निर्धारित करने में सहायक होता है।
डॉ. बर्जेश अजरावत वरिष्ठ वैज्ञानिक (कृषि विस्तार) ने कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा किसानों और कृषक महिलाओं के लिए चलाई जा रही केंद्र प्रायोजित योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने किसानों को ग्राम जलवायु जोखिम प्रबंधन समिति और कस्टम हायरिंग सेंटर की भूमिका और जिम्मेदारियों के बारे में भी जानकारी दी। प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से महिला किसानों को स्वयं सहायता समूहों के प्रबंधन और बेहतर समूह गतिशीलता के बारे में जानकारी प्रदान की गई।
कृषि विज्ञान केंद्र कठुआ के वैज्ञानिकों द्वारा उत्पादन और सुरक्षा प्रौद्योगिकियों के संबंध में किसानों द्वारा उठाए गए प्रश्नों का संतोषजनक उत्तर दिया गया। कार्यक्रम का समापन क्षेत्र की प्रगतिशील फार्म महिला सुदेश रानी द्वारा धन्यवाद प्रस्ताव के साथ किया गया।
हिन्दुस्थान/समाचार/सचिन//बलवान