आर्य समाज कठुआ में गीता ज्ञान सप्ताह के प्रथम दिवस की प्रेरणादायक शुरुआत
कठुआ, 17 दिसंबर (हि.स.)। स्वामी श्रद्धानंद जी के बलिदान दिवस की स्मृति में आयोजित गीता ज्ञान सप्ताह के प्रथम दिवस पर आर्य समाज कठुआ में आध्यात्मिक वातावरण में ज्ञान की गंगा प्रवाहित हुई।
कार्यक्रम की मुख्य वक्ता पुजनीय सुश्री गायत्री देवी जी ने भगवद्गीता के प्रथम अध्याय पर अपने विचार प्रस्तुत करते हुए ‘अर्जुन संवाद’ की गहराई को उजागर किया। उन्होंने बताया कि कैसे अर्जुन का मानसिक द्वंद्व आज के मानव की असमंजसपूर्ण स्थिति का प्रतीक है, जहाँ कर्तव्य और भावनाओं के बीच संघर्ष होता है। गायत्री देवी जी ने गीता के इस संवाद को आत्मचिंतन, साहस और धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा के रूप में प्रस्तुत किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि समाज सेवक श्री कला शाह जी ने अपने प्रेरक विचार रखते हुए समाज में गीता के संदेश को जन-जन तक पहुँचाने की आवश्यकता पर बल दिया। संरक्षक श्री भारत भूषण जी की गरिमामयी उपस्थिति ने कार्यक्रम को विशेष ऊर्जा प्रदान की। आर्य समाज कठुआ के अध्यक्ष एवं समाज के मार्गदर्शक स्तंभ विशन भारती ने अपने ओजस्वी उद्बोधन में सभी आगंतुकों का स्वागत किया और स्वामी श्रद्धानंद जी के जीवन से प्रेरणा लेने का आह्वान किया। उनके नेतृत्वपूर्ण शब्दों ने उपस्थित जनसमूह में नई ऊर्जा और उत्साह का संचार किया। कार्यक्रम में स्थानीय नागरिकों, विद्वानों एवं युवाओं की उत्साहपूर्ण भागीदारी रही। गीता ज्ञान सप्ताह प्रतिदिन दोपहर 1 बजे से 4 बजे तक आयोजित किया जा रहा है, जिसमें विभिन्न अध्यायों पर विद्वानों द्वारा प्रवचन होंगे।
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हिन्दुस्थान समाचार / सचिन खजूरिया