आईजीपी कश्मीर ने वार्षिक अपराध समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की

 

श्रीनगर, 27 दिसंबर (हि.स.)। कश्मीर जोन के पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) वी.के. बर्डी ने आज कश्मीर पुलिस नियंत्रण कक्ष में वार्षिक अपराध समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में कश्मीर जोन के सभी रेंज डीआईजी, कश्मीर जोन के सभी जिला एसएसपी, जेडीपी जेडपीएचक्यू और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

बैठक के प्रारंभ में उपस्थित अधिकारियों ने आईजीपी कश्मीर को कश्मीर जोन में समग्र अपराध स्थिति के बारे में जानकारी दी और अपराध रोकथाम तथा जांच की गुणवत्ता में सुधार के लिए किए जा रहे प्रयासों पर प्रकाश डाला।

सामान्य अपराधों के अलावा बैठक में यूएपीए के अंतर्गत आने वाले मामलों की जांच, यूएपीए मामलों में संपत्ति कुर्की की स्थिति, आतंकवाद से संबंधित और आतंकवाद वित्तपोषण के मामले, पीएसए के तहत हिरासत, एनडीपीएस/नारको-टेरर मामले और पीओसीएसओ मामलों पर चर्चा हुई। इसके अतिरिक्त निवारक उपायों के तहत की गई कार्रवाई, लंबित जांच कार्यवाही और फरार अपराधियों की गिरफ्तारी पर भी चर्चा हुई। जिला एसएसपी ने अपने-अपने जिलों के लिए विस्तृत प्रस्तुतियाँ दीं जिनमें उन्होंने अपराध निवारण प्रयासों, एफआईआर और ई-एफआईआर के पंजीकरण, जांच की स्थिति और अपने अधिकार क्षेत्र में मामलों के निपटारे पर प्रकाश डाला।

कश्मीर के आईजीपी ने सामान्य अपराध जांच की समीक्षा की और अपराध रोकथाम में जिला प्रमुखों के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने जांच की गुणवत्ता को और मजबूत करने की आवश्यकता पर बल दिया और बेहतर जांच पद्धतियों, वैज्ञानिक उपकरणों के अधिक उपयोग और मजबूत अनुवर्ती (पैरवी) प्रणाली के माध्यम से दोषसिद्धि दर में सुधार के महत्व को रेखांकित किया विशेष रूप से नशीले पदार्थों और आतंकवाद से संबंधित मामलों में। उन्होंने अधिकारियों को एनडीपीएस और यूएपीए मामलों में दोषसिद्धि सुनिश्चित करने के लिए एक मजबूत प्रणाली तैयार करने का निर्देश दिया ताकि नशीले पदार्थों से जुड़े आपराधिक और आतंकी तंत्र को तोड़ा जा सके। बैठक के दौरान निवारक कार्रवाइयों और लंबित जांच कार्यवाही की स्थिति की भी समीक्षा की गई।

आईजीपी ने अपराध नियंत्रण, जांच, अभियोजन और मामलों के समय पर निपटान से संबंधित प्रमुख एजेंडा बिंदुओं पर सभी उपस्थित अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश जारी किए। इन निर्देशों का उद्देश्य जवाबदेही को मजबूत करना, जांच की गुणवत्ता में सुधार करना और न्याय की शीघ्र डिलीवरी सुनिश्चित करना था। कश्मीर के आईजीपी ने जिला प्रमुखों को जांच अधिकारियों के लिए नियमित क्षमता-निर्माण कार्यशालाओं का आयोजन करने का निर्देश दिया जिसका उद्देश्य सूचना प्रौद्योगिकी के प्रभावी उपयोग के माध्यम से जांच दक्षता को बढ़ाना और कानूनी कौशल को मजबूत करना था।

मादक पदार्थों से संबंधित अपराधों में लंबित मामलों को निपटाने के लिए एनडीपीएस मामलों पर विशेष जोर दिया गया। मादक पदार्थों से संबंधित अपराधों में लंबित मामलों को निपटाने के लिए एनडीपीएस मामलों पर विशेष जोर दिया गया।

हिन्दुस्थान समाचार / बलवान सिंह