जम्मू-कश्मीर धर्मार्थ ट्रस्ट ने प्राचीन शिव मंदिर, गुलमर्ग के जीर्णोद्धार प्रयासों में त्वरित सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया

 


जम्मू, 13 जून (हि.स.)। जम्मू-कश्मीर धर्मार्थ ट्रस्ट के चेयरमैन ट्रस्टी और ट्रस्टियों ने 5 जून को हुई दुर्भाग्यपूर्ण आग की घटना के बाद गुलमर्ग में महारानी मंदिर के नाम से प्रसिद्ध प्राचीन शिव मंदिर के जीर्णोद्धार में उनके त्वरित और अमूल्य सहयोग के लिए नागरिक प्रशासन, गुलमर्ग विकास प्राधिकरण के सीईओ, भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस विभाग के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया।

यहां यह उल्लेख करना उचित होगा कि गुजरात के धर्मकोट राज्य की दिवंगत राजकुमारी और महाराजा हरि सिंह जी की पत्नी द्वारा 1915 में निर्मित यह मंदिर 5 जून, 2024 को बिजली के शॉर्ट सर्किट से लगी विनाशकारी आग के कारण दुखद रूप से राख हो गया था।

वीरवार को यहां जारी एक प्रेस बयान में जम्मू-कश्मीर धर्मार्थ ट्रस्ट के अध्यक्ष ब्रिगेडियर आर.एस. लंगेह (सेवानिवृत्त) ने इस प्रतिष्ठित सांस्कृतिक विरासत स्थल के चल रहे जीर्णोद्धार में महत्वपूर्ण रहे सहयोगी प्रयासों पर प्रकाश डालते हुए अपनी प्रशंसा व्यक्त की। उन्होंने जम्मू-कश्मीर की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने और सनातन धर्म की पवित्रता को बनाए रखने के लिए ट्रस्ट की प्रतिबद्धता पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा, महारानी मंदिर जम्मू-कश्मीर के शाही परिवार के लिए बहुत ऐतिहासिक और आध्यात्मिक महत्व रखता है, और हम यह सुनिश्चित करने के लिए समर्पित हैं कि इसे जल्द से जल्द इसकी मूल भव्यता में बहाल किया जाए। जम्मू-कश्मीर धर्मार्थ ट्रस्ट ने भक्तों और जनता को आश्वस्त किया कि जीर्णोद्धार कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है, और सभी प्रयास महारानी मंदिर को क्षेत्र की सांस्कृतिक ताने-बाने में उसकी पवित्र भूमिका में वापस लाने पर केंद्रित हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/राहुल/बलवान