सीयूजे ने भारतीय भाषा सम्मेलन का आयोजन किया

 


जम्मू, 27 मार्च (हि.स.) । भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के संयुक्त तत्वावधान में जम्मू केंद्रीय विश्वविद्यालय, भारतीय शिक्षण मंडल, विद्या भारती उच्च शिक्षा संस्थान और भारतीय भाषा समिति ने बुधवार को ब्रिगेडियर राजेंद्र सिंह सभागार में एक भारतीय भाषा सम्मेलन का आयोजन किया। उद्घाटन मुख्य अतिथि प्रोफेसर संजीव जैन, कुलपति, जम्मू केंद्रीय विश्वविद्यालय द्वारा किया गया। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि पद्मश्री प्रो. शिव निर्मोही, डॉ. गौतम मेंगी एवं डॉ. दिलीप कुमार रहे।

भारतीय शिक्षण मंडल के विस्तार निदेशक अनिरुद्ध और सीयूजे के हिंदी विभाग के प्रोफेसर डॉ. शशिकांत मिश्र ने सम्मेलन का आदर्श वाक्य सुनाया। कार्यक्रम के संयोजक प्रो. जेएन बलिया ने कहा कि भारतीय भाषा समिति का उद्देश्य भारतीय भाषाओं में शिक्षा को जन-जन तक पहुंचाना है। इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए भारतीय भाषा समिति, भारत सरकार द्वारा देशभर में ऐसे सम्मेलनों का आयोजन किया जा रहा है।

विशिष्ट अतिथि प्रो दिलीप कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि दुनिया में भाषा का बहुत महत्व है। प्रकृति में हर जीव, हर प्राणी की एक भाषा होती है और मानव भाषा का उसमें एक विशेष अर्थ होता है। जहां तक भाषा सम्मेलनों की बात है तो इस प्रकार के सम्मेलन से निश्चित ही प्रांतीय भाषाओं को बल मिलेगा और रचनात्मक कार्यों में प्रगति होगी।

विशिष्ट अतिथि पद्मश्री प्रोफेसर शिव निर्मोही ने कहा कि जम्मू-कश्मीर की भाषा का विशेष महत्व है, क्योंकि यहां मुख्य रूप से बोली जाने वाली डोगरी भाषा हिमाचल और उत्तराखंड में बोली जाने वाली भाषाओं से संबंधित है। इनके व्याकरण में भी कई समानताएँ हैं। अपने संबोधन में उन्होंने अन्य भारतीय भाषाओं में पाई जाने वाली समानताओं का वर्णन किया और इस बात पर जोर दिया कि भारत का सच्चा विकास भारतीय भाषाओं के माध्यम से ही संभव है।

मुख्य अतिथि कुलपति प्रो.संजीव जैन ने अपने संबोधन में कहा कि सभी भारतीय भाषाएं वैज्ञानिक हैं। भारतीय भाषाओं में समानताएँ पाई जाती हैं। इसलिए भारतीय भाषाएँ सीखना बहुत आसान है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में भारतीय भाषाएं तकनीक और कंप्यूटर की भाषा बन गयी हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/राहुल/बलवान