सीयूजे ने सामाजिक विज्ञान में महत्वपूर्ण सहयोगात्मक अनुसंधान पर कार्यक्रम का आयोजन किया

 


जम्मू, 13 दिसंबर (हि.स.)। जम्मू केंद्रीय विश्वविद्यालय के शैक्षिक अध्ययन विभाग ने शिक्षा शास्त्रार्थ के दूसरे सत्र का आयोजन किया। शिक्षा शास्त्रार्थ शिक्षा के क्षेत्र में बौद्धिक प्रवचन को बढ़ावा देने के लिए समर्पित एक प्रतिष्ठित मंच है। इस अवसर पर, जम्मू केंद्रीय विश्वविद्यालय (सीयूजे) के एसोसिएट डीन ऑफ रिसर्च डॉ. पवन कुमार बर्मन ने 'अनुसंधान, प्रकाशन और बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर)' पर व्याख्यान दिया।

कार्यक्रम की शुरुआत विभाग के प्रमुख प्रोफेसर असित मंत्रि के स्वागत भाषण के साथ हुई, जहां उन्होंने बौद्धिक गतिविधियों और सामाजिक प्रगति के क्षेत्र में शास्त्रार्थ के रूप में जानी जाने वाली विद्वानों की बहस और संवाद की प्राचीन भारतीय प्रथा की ऐतिहासिक भूमिका की सराहना की। छात्रों, विद्वानों और संकाय सदस्यों को समान रूप से जोड़ने वाले शिक्षा शास्त्रार्थ (शैक्षणिक प्रवचनों के लिए एक मंच) के नाम से इस आधुनिक मंच के लिए प्रेरणा।

अनुसंधान विद्वानों और संकाय सदस्यों के साथ अपनी बातचीत के दौरान, डॉ. पवन कुमार ने अकादमिक क्षेत्रों में स्वस्थ अनुसंधान की संस्कृति को विकसित करने के लिए विभिन्न महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर चर्चा की। सहयोगात्मक प्रयासों, शैक्षणिक स्वायत्तता और अखंडता, अंतःविषय साझेदारी आदि की भूमिका पर जोर दिया गया है। उन्होंने पीएचडी की अभिनव अवधारणा की भूमिका पर भी जोर दिया।

हिन्दुस्थान समाचार/राहुल/बलवान