कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट हुआ फ्लॉप शो, गैर-सीयूईटी दाखिले खोलने के दिए निर्देश
कठुआ, 26 अगस्त (हि.स.)। उच्च शिक्षा विभाग द्वारा पिछले 3 सालों से 12वीं कक्षा के बाद कॉलेज में दाखिले लेने के लिए जो कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट लागू किया गया था जोकि अब पूरी तरह से फ्लॉप शो है जिसके चलते अब उच्च शिक्षा विभाग ने गैर-सीयूईटी आवेदन पत्र को फिर से खोलने का निर्देश दिया है।
गौरतलब हो कि जम्मू कश्मीर में कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट तीन साल पहले लागू किया गया था। इसी टेस्ट के जरिए 12वीं कक्षा से पास होने वाले छात्रों को कॉलेजों में दाखिला मिलता है और इसी परीक्षा के माध्यम से उन्हें कॉलेज और सब्जेक्ट मिलते हैं। लेकिन यह प्रक्रिया काफी मुश्किल है, इस मुश्किल प्रक्रिया के चलते जिले भर के सभी कॉलेजों में दाखिलों की संख्या भी कम हो गई। अब बच्चे ऐसे झंझटों से बचने के लिए जा तो निजी कॉलेजों में दाखिला ले रहे हैं जा तो पढ़ने के लिए प्रदेश के बाहर जा रहे हैं जिसके चलते अब जिले के ज्यादातर कॉलेजों की सीटें खाली पड़ी हैं और अब गैर-सीयूईटी के माध्यम से फिर से दाखिले खोल दिए गए हैं।
हालांकि जब सीयूईटी के माध्यम से दाखिला की प्रक्रिया शुरू हुई थी तो उस वक्त छात्रों ने इसका विरोध भी किया था। लेकिन ड्यूटी प्रशासन द्वारा इसे छात्रों पर थोप दिया गया था। लेकिन आज कॉलेज प्रबंधन खुद परेशान है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सीयूईटी प्रक्रिया से पहले एक दौर ऐसा था जब कठुआ डिग्री कॉलेज में पहले सेमेस्टर में 1800 से 2000 के करीब दाखिले होते थे आज वही संख्या घटकर 800 से 900 के करीब पहुंच गई है। जिसके पीछे की वजह सीयूईटी बताई जा रही है। इसी प्रकार जिले में जगह-जगह सरकार द्वारा कॉलेज तो खोल दिए गए हैं लेकिन उन कॉलेजों में पूरे विषय ही नहीं हैं वे भी नाम मात्र ही चल रहे हैं। अब हालात ऐसे बन चुके हैं कि जिला कठुआ के विभिन्न सरकारी कॉलेजों की आधे से ज्यादा सीटें खाली पड़ी है जिसके चलते गैर-सीयूईटी दाखिले फिर से शुरू कर दिए हैं। सीयूईटी की वजह से छात्रों और कॉलेज प्रबधंन का सिस्टम पूरी तरह से बिगड़ चुका है। हैरानगी की बात यह है कि अगस्त महीना खत्म होने जा रहा है और गैर-सीयूईटी दाखिले की प्रक्रिया में करीब एक महीना लग जाएगा, उसके बाद चुनाव है और पहले सेमेस्टर की एडमिशन होते-होते अक्तूबर महीना गुजर जाएगा और पहले सेमेस्टर के एग्जाम नवंबर में लिए जाएंगे, मात्र एक महीने में बच्चे क्या पढ़ेंगे। इसलिए जो सीयूईटी प्रक्रिया जम्मू कश्मीर पर थोपी गई है वह पूरी तरह से फ्लॉप हो चुका है जिसके चलते मजबूरन अब कॉलेज की खाली पड़ी सीटें भरने के लिए गैर-सीयूईटी दाखिले खोल दिए गए हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / सचिन खजूरिया / बलवान सिंह