मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने स्कीम्स के 43वें स्थापना दिवस समारोह की अध्यक्षता की
श्रीनगर, 5 दिसंबर (हि.स.)। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने आज शेर-ए-कश्मीर अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर (एसकेआईसीसी) में शेर-ए-कश्मीर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एसकेआईएमएस) के 43वें स्थापना दिवस समारोह की अध्यक्षता की और जम्मू-कश्मीर में स्वास्थ्य सेवा बुनियादी ढांचे के विस्तार और तृतीयक देखभाल को मजबूत करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
अपने भाषण में मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि उनकी सरकार ने हमेशा स्कीम्स को पूरी फाइनेंशियल मदद दी है और आगे भी और ज़ोर-शोर से ऐसा करती रहेगी।
उन्होंने घोषणा की कि नई एसएएससीआई फंडिंग विंडो जो पहले सिर्फ़ राज्यों के लिए उपलब्ध थी अब उनके दखल के बाद केंद्र शासित प्रदेशों के लिए भी बढ़ा दी गई है। उन्होंने कहा कि इससे जम्मू-कश्मीर के लिए लंबे समय के ज़ीरो-इंटरेस्ट कैपिटल खर्च वाले लोन पाने का एक ऐसा मौका मिला है जो पहले कभी नहीं मिला।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस साल हमें आखिरकार एसएएससीआई मिल गया। इस सिस्टम के तहत अब हम कैपिटल इन्वेस्टमेंट के लिए फंड ले सकते हैं। यह हमारे लिए एक अनोखा मौका है और मैं चाहता हूं कि स्कीम्स इसका पूरा फ़ायदा उठाए।
उन्होंने स्कीम्स प्रशासन से एक बड़े प्रोजेक्ट के बारे में सोचने की अपील की जिसे 2-3 साल के अंदर पूरा किया जा सके। मुख्यमंत्री ने शेर-ए-कश्मीर शेख मोहम्मद अब्दुल्ला की हमेशा रहने वाली विरासत के बारे में विस्तार से बात की और कहा कि उनके ज़माने में स्कीम्स की स्थापना एक दूर की सोच वाला काम था जिसका आज भी कोई मुकाबला नहीं है।
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि आज भी मुझे यह सोचना मुश्किल लगता है कि शेर-ए-कश्मीर उस समय इतने बड़े इंस्टीट्यूशन के बारे में कैसे सोच पाया और उसे कैसे बना पाया। अगर आज कोई मुझसे पूछे कि क्या जम्मू-कश्मीर सरकार स्कीम्स जैसा दूसरा अस्पताल या एसकेआईसीसी जैसा कॉम्प्लेक्स बना सकती है तो मैं कहूंगा कि यह लगभग नामुमकिन है।
उन्होंने कहा कि स्कीम्स एडवांस्ड इलाज के लिए पसंदीदा जगह बना हुआ है और उन्होंने इंस्टीट्यूशन के डॉक्टरों, नर्सों और पैरामेडिकल स्टाफ की तारीफ़ की कि वे इसके स्टैंडर्ड बनाए रखते हैं। । एआईआईएमएस के डायरेक्टर डॉ. श्रीनिवास की बातों का ज़िक्र करते हुए उन्होंने कहा कि स्कीम्स की स्थापना के पीछे एक मकसद जम्मू-कश्मीर के उन मरीज़ों को एडवांस्ड इलाज देना था जिन्हें वरना इलाज के लिए जम्मू-कश्मीर से बाहर जाना पड़ता था। उन्होंने कहा कि दशकों बाद भी स्कीम्स उस मकसद को बहुत अच्छे से पूरा करता है। स्कीम्स में मरीज़ों की भारी भीड़ पर ज़ोर देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ज़िला और सब-डिस्ट्रिक्ट लेवल पर हेल्थकेयर इंफ्रास्ट्रक्चर को मज़बूत करना सरकार की ज़िम्मेदारी है।
उन्होंने कहा कि लोगों को रेगुलर इलाज के लिए स्कीम्स आने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए। ऐसा तभी होता है जब आस-पास के अस्पताल सही हेल्थकेयर देने में नाकाम रहते हैं। हम दोनों मोर्चों पर काम करेंगे, स्कीम्स को नया इंफ्रास्ट्रक्चर देकर सपोर्ट करेंगे और साथ ही ज़िला और सब-डिस्ट्रिक्ट अस्पतालों को अपग्रेड करेंगे ताकि स्कीम्स पर बोझ काफ़ी कम हो जाए।
मुख्यमंत्री ने कई चुनौतियों के बावजूद रिसर्च, मरीज़ों की देखभाल और मेडिकल शिक्षा में ऊंचे स्टैंडर्ड बनाए रखने के लिए डायरेक्टर डॉ. एम. अशरफ़ गनी और पूरी स्कीम्स टीम की तारीफ़ की। उन्होंने कहा कि मैं डायरेक्टर और उनकी टीम को बधाई देता हूँ। मुश्किलों के बावजूद स्कीम्स ने पढ़ाई, क्लिनिकली और इंस्टीट्यूशनली तरक्की की है। मैं चाहता हूँ कि यह इंस्टीट्यूट और भी आगे बढ़े और जम्मू-कश्मीर के लोगों को वर्ल्ड-क्लास हेल्थकेयर देता रहे। 43वें फ़ाउंडेशन डे सेरेमनी में एकेडमिक सेशन, सीनियर फ़ैकल्टी मेंबर्स के भाषण और उत्तर भारत में एक बेहतरीन टर्शियरी-केयर, रिसर्च और टीचिंग इंस्टिट्यूशन के तौर पर स्कीम्स के सफ़र पर विचार-विमर्श भी हुए।
इस मौके पर, मुख्यमंत्री ने स्कीम्स की एनुअल रिपोर्ट भी रिलीज़ की जबकि मंत्रियों ने दो पब्लिकेशन कृ यूपीएससी सीएमएस बुक और हिस्टोलॉजी एसेंशियल्स लॉन्च किए।
इस कार्यक्रम में स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा मंत्री सकीना मसूद इटू; ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री जाविद अहमद डार और मुख्यमंत्री के सलाहकार नासिर असलम वानी; एम्स नई दिल्ली के निदेशक डॉ. एम. श्रीनिवास जो वस्तुतः शामिल हुए; शेर-ए-कश्मीर के वक्ता डॉ. माधवानंद कर; एसकेआईएमएस के निदेशक डॉ. एम. अशरफ गनी; एसकेआईएमएस के डीन मेडिकल संकाय; एसकेआईएमएस एमसीएच बेमिना के प्रिंसिपल डॉ. फजलुल क्यू पर्रे; आयोजन अध्यक्ष डॉ. (प्रो.) मुजफ्फर मकसूद; सीनियर फैकल्टी मेंबर, रिसर्चर, डॉक्टर, स्टूडेंट और बडी संख्या में हेल्थकेयर प्रोफेशनल शामिल हुए।
हिन्दुस्थान समाचार / बलवान सिंह