पांच दिवसीय कार्य सप्ताह की मांग को लेकर बैंक कर्मियों का राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन

 


जम्मू, 30 दिसंबर (हि.स.)। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स (यूएफबीयू) के बैनर तले देशभर में बैंक कर्मचारियों और अधिकारियों ने मंगलवार को अपने-अपने बैंक कार्यालयों के सामने प्रदर्शन कर बैंकों में पांच दिवसीय कार्य सप्ताह लागू करने की मांग उठाई। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि यह मांग नई नहीं है और इससे जुड़ी सभी बातें सरकार, प्रबंधन और आम जनता के संज्ञान में हैं। कर्मचारियों का कहना है कि शाखाओं में लगातार बढ़ते कार्यभार, स्टाफ की कमी और अत्यधिक दबाव के कारण वे शारीरिक व मानसिक तनाव में काम करने को मजबूर हैं, ऐसे में पांच दिवसीय कार्य सप्ताह समय की आवश्यकता बन गया है।

यूएफबीयू नेताओं ने बताया कि वर्ष 2015 में हुए 10वें द्विपक्षीय समझौते/7वें संयुक्त नोट के तहत यह सहमति बनी थी कि हर महीने के दूसरे और चौथे शनिवार को अवकाश रहेगा, जबकि शेष शनिवार पूर्ण कार्यदिवस होंगे। इसके बाद 7 दिसंबर 2023 को इंडियन बैंक्स एसोसिएशन (आईबीए) और वर्कमैन यूनियनों के बीच हुए समझौते के अनुसार सभी शनिवारों को बैंकिंग उद्योग के लिए नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट के तहत अवकाश घोषित करने की सिफारिश आईबीए द्वारा सरकार को भेजी गई।

यूनियन नेताओं ने कहा कि कार्य समय में प्रस्तावित बदलाव केंद्र सरकार की मंजूरी और भारतीय रिजर्व बैंक सहित अन्य आवश्यक स्वीकृतियों के बाद ही लागू हो सकते हैं। इस मुद्दे को सरकार के पास भेजे हुए लगभग दो वर्ष हो चुके हैं, लेकिन अब तक अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि केंद्र सरकार इस बात से भली-भांति अवगत है कि स्टाफ की भारी कमी के कारण बैंक कर्मचारी, अधिकारी और प्रबंधक अत्यधिक दबाव में काम कर रहे हैं। ऐसे हालात में शेष शनिवारों को अवकाश घोषित करने की मांग पूरी तरह उचित और न्यायसंगत है।

हिन्दुस्थान समाचार / राहुल शर्मा