शिवसागर में असम पुस्तक मेला शुरू

 


जम्मू, 19 नवंबर (हि.स.)। असम पब्लिकेशन बोर्ड (एपीबी) द्वारा असम बुक पब्लिशर्स एंड बुक सेलर्स एसोसिएशन (एएबीपीएसए) के सहयोग से 'असम पुस्तक मेला ', शिवसागर, असम में पुस्तक प्रेमियों, लेखकों, प्रकाशकों और छात्रों के बीच शुरू हुआ। उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लेते हुए, जम्मू-कश्मीर के सुप्रसिद्ध साहित्यकार और साहित्य अकादमी के बाल साहित्य पुरस्कार तथा राज्य सरकार पुरस्कार से सम्मानित राजेश्वर सिंह 'राजू' ने कहा कि उन्होंने यहां पुस्तक महोत्सव में भाग लेने के लिए तीन हजार किलोमीटर से अधिक की यात्रा की पर फिर भी अपने आप को यहां अजनबी नहीं पाया। उन्होंने इस अवसर पर जम्मू-कश्मीर में जनरल जोरावर सिंह द्वारा लद्दाख पर कब्जा करने और डोगरा शासन की सीमाओं को तिब्बत तक बढ़ाने के योगदान को याद किया, जैसे असम के वीर-बहादुर लाचित बरफुकन ने असम के लिए दिया तथा भावी पीढ़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत बने।

उन्होंने यह भी कहा कि लाचित बरफुकन की कहानी और अहोम इतिहास के बारे में पढ़कर उन्हें गर्व महसूस हुआ क्योंकि अहोमों के शासन के दौरान 'पाईक प्रणाली' के अंतर्गत प्रत्येक असमिया सैनिक कृषक और योद्धा था। उन्होंने कहा कि असम में कुछ ऐसे रहस्य हैं जिन्हें सुलझाना मुश्किल है क्योंकि इतिहास में लाख कोशिश करने के बावजूद भी कोई भी असम पर जीत हासिल नहीं कर सका है। अपने संबोधन में उन्होंने विशेष रूप से असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा का उल्लेख करते हुए कहा कि जिस तरह से उनके निर्देश पर असम प्रकाशन बोर्ड द्वारा शिक्षा मंत्री डॉ. रनोज पेगु की देखरेख में लाचित बरफुकन पर लिखी गई किताब को भारतीय संविधान द्वारा मान्यता प्राप्त सभी क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद किया जा रहा है, उनसे प्रेरणा लेते हुए बाकी राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों को भी अपनी सांस्कृतिक विरासत को सहेज कर रखने तथा प्रचार और प्रसार के लिए ऐसे सराहनीय कदम उठाने की आवश्यकता है।

हिन्दुस्थान समाचार/राहुल/बलवान