श्रीनगर एयरपोर्ट का नाम प्रथम परमवीर चक्र से सम्मानित मेजर सोमनाथ शर्मा के नाम से रखा जाए

 




जम्मू, 3 नवंबर (हि.स.)। भारत के प्रथम परमवीर चक्र से सम्मानित मेजर सोमनाथ शर्मा की 76वीं पुण्य तिथि पर श्री कैलख ज्योतिष एवं वैदिक संस्थान ट्रस्ट की ओर से जम्मू नॉर्थ विधानसभा के भलवाल करवानडा जम्मू में कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

इस दौरान ट्रस्ट के सचिव राकेश गंडोत्रा ने कहा कि मेजर सोमनाथ शर्मा के बलिदान को पूरा राष्ट्र कभी नहीं भूल सकता। उनका जन्म 31 जनवरी, 1923 को हिमाचल में हुआ था। वह भारतीय सेना की कुमाऊँ रेजिमेंट की चौथी बटालियन की डेल्टा कंपनी के कंपनी-कमांडर थे। अक्टूबर-नवम्बर 1947 के भारत-पाक संघर्ष में अपनी वीरता से शहीद मेजर ने शत्रु के छक्के छुड़ा दिए। 3 नवंबर 1947 को मेजर शर्मा वीरगति को प्राप्त हुए। भारत सरकार ने मरणोपरान्त उन्हें परमवीर चक्र से सम्मानित किया। परमवीर चक्र पाने वाले यह प्रथम सैन्य अधिकारी थे। उनके पराक्रम का ये अमर गौरवगान जन जन तक जाना ही चाहिए जिस से आने वाली पीढ़ियों में भी होड़ मचे देश के लिए कुछ कर गुजरने और मेजर सोमनाथ शर्मा जैसे वीर बनने की।

ट्रस्ट के प्रधान महंत रोहित शास्त्री ने कहा की मेजर सोमनाथ शर्मा जी की शहादत के कारण आज कश्मीर भारत के पास हैं ओर हम उपराज्यपाल जी से अपील करते हैं कि कश्मीर एयरपोर्ट का नाम प्रथम परमवीर चक्र से सम्मानित मेजर सोमनाथ शर्मा के नाम से रखें। इसके अलावा उन्होंने मेजर की जयंती पर 31 जनवरी को अवकाश घोषित करने और मंदिरों के शहर जम्मू में उनकी प्रतिमा लगाने की भी मांग रखी। महंत रोहित शास्त्री ने कहा मेजर सोमनाथ शर्मा जी ने प्राण त्यागने से बस कुछ ही पहले सैनिकों को कहा था कि,दुश्मन हमसे केवल पचास गज की दूरी पर है। हमारी गिनती बहुत कम रह गई है। हम भयंकर गोली बारी का सामना कर रहे हैं फिर भी, मैं एक इंच भी पीछे नहीं हटूंगा और अपनी आखिरी गोली और आखिरी सैनिक तक डटा रहूँगा।जय हिंद। यही सैनिकों के लिए उनकी आखरी ललकार थी।

हिन्दुस्थान समाचार/राहुल/बलवान