एक ऐतिहासिक निर्णय में प्रशासनिक परिषद ने विस्थापितों की भूमि के हस्तांतरण के प्रस्ताव को दी मंजूरी
श्रीनगर, 16 अगस्त (हि.स.)। एक ऐतिहासिक निर्णय में प्रशासनिक परिषद नेशुक्रवार को 1947, 1965, 1971 के विस्थापित व्यक्तियों और पश्चिमी पाकिस्तान के विस्थापित व्यक्तियों को मालिकाना अधिकार प्रदान करते हुए विस्थापितों की भूमि के हस्तांतरण के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। इस निर्णय से विस्थापितों की भूमि पर विस्थापितों को पूर्ण स्वामित्व अधिकार प्राप्त होगा, जैसा कि राज्य की भूमि पर पहले से ही प्राप्त है।
निर्णय के अनुसार संबंधित संरक्षक समयबद्ध तरीके से विस्थापितों के पक्ष में भूमि हस्तांतरित करेंगे। कस्टोडियन जनरल विस्थापितों की भूमि पर किसी भी दुरुपयोग, विशेष रूप से अनधिकृत अतिक्रमण को रोकने के लिए उचित सुरक्षा उपाय सुनिश्चित करेगा।
सरकार ने विस्थापितों की भूमि पर विस्थापितों को मालिकाना अधिकार देने वाले आवेदनों के समयबद्ध प्रसंस्करण के लिए 30 दिनों में निर्देश जारी किए हैं और पूरी प्रक्रिया 6 महीने के भीतर पूरी होने की उम्मीद है, जिससे विस्थापितों को बड़ी राहत मिलेगी।
हस्तांतरित भूमि की कुल मात्रा कैबिनेट आदेश संख्या 578-सी, 1954 द्वारा निर्धारित भूमि सीमा तथा जम्मू-कश्मीर कृषि सुधार अधिनियम, 1976 के अंतर्गत निर्धारित सीमा के अनुसार होगी। यह निर्णय उन सभी जुड़े हुए परिवारों की मांगों को पूरा करता है जो पिछले कई दशकों से मालिकाना हक के लिए अनुरोध कर रहे थे।
हिन्दुस्थान समाचार / सुमन लता / बलवान सिंह