डोगरी संस्था जम्मू में 20 दिवसीय अनुवाद कौशल इंटर्नशिप कार्यशाला संपन्न हुई
जम्मू, 14 जुलाई (हि.स.)। डोगरी संस्था जम्मू में 20 दिवसीय अनुवाद कौशल इंटर्नशिप कार्यशाला संपन्न हुई। डोगरी संस्था, डोगरी भवन, कर्ण नगर, जम्मू में आयोजित समापन समारोह में डॉ. एस पी सारस्वत, प्राचार्य, पद्मश्री पद्मा सचदेव राजकीय महिला महाविद्यालय, गांधी नगर, जम्मू मुख्य अतिथि थे।
60 घंटे की अनुवाद कौशल इंटर्नशिप कार्यशाला जो प्रतिदिन 3 घंटे के साथ 20 दिनों तक लगातार चली, में प्रतिभागियों के अनुवाद कौशल के विकास से संबंधित कई विषयों को शामिल किया गया जो भविष्य में उनके पेशेवर करियर बनाने या आजीविका कमाने में काफी सहायक होंगे। इनमें समाचार, सूचनात्मक साहित्य, पत्रकारिता, कथा साहित्य, उपशीर्षक, वेब सामग्री, विज्ञापन, गद्य और कविता शामिल हैं। राजकीय महिला महाविद्यालय परेड और पद्मश्री पद्मा सचदेव राजकीय महिला महाविद्यालय, गांधी नगर, जम्मू की लगभग 36 छात्राओं ने इंटर्नशिप कार्यशाला में भाग लिया, जिसमें प्रो. ललित मगोत्रा, प्रो. वीणा गुप्ता, प्रो. शशि पठानिया, प्रो. अर्चना केसर, डॉ. निर्मल विनोद, डॉ. बंसी लाल शर्मा, डॉ. चंचल भसीन, डॉ. संदीप दुबे और जगदीप दुबे जैसे संकाय सदस्य शामिल थे। । सभी संकाय सदस्यों ने या तो विभिन्न पदों पर जम्मू विश्वविद्यालय में सेवाएं दी हैं , दे रहे हैं या डोगरी के प्रसिद्ध साहित्यकार हैं।
डोगरी संस्था जम्मू के प्रधान प्रो. ललित मगोत्रा ने इस अवसर पर बोलते हुए कहा की नई शिक्षा नीति के तहत यह पहल, इस तरह की इंटर्नशिप कार्यशालाओं के रूप में एक स्वागत योग्य कदम है व नियमित आधार पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों से न केवल प्रतिभागियों के कौशल का विकास होगा बल्कि वे अपनी मातृभाषा और सांस्कृतिक विरासत के साथ जुड़ेंगे भी। उन्होंने बुनियादी बातें सीखने में गहरी रुचि के लिए प्रतिभागियों की सराहना की और आशा व्यक्त की कि इस कार्यशाला के समापन के बाद उनका उत्साह कम नहीं होगा, बल्कि उन्हें अभ्यास जारी रखने के लिए प्रेरित करेगा ताकि वे सही समय पर इस तरह की पहल से लाभान्वित हो सकें और सरकार के लक्ष्य पर खरा उतर सकें। उन्होंने कहा कि कई प्रतिभागियों के पास अच्छा लेखन कौशल है और यदि वे इस पर अधिक ध्यान केंद्रित करते हैं तो वे अच्छे लेखक के रूप में उभर सकते हैं और इस प्रकार डोगरी साहित्य की विभिन्न शैलियों में योगदान दे सकते हैं। उन्होंने आगे कहा कि यह डोगरी संस्था के लिए भी सौभाग्य की बात है कि उसे ऐसी महत्वाकांक्षी और महत्वपूर्ण कार्यशाला आयोजित करने का अवसर मिला और आशा व्यक्त की कि विभिन्न कॉलेजों के साथ ऐसी परियोजनाओं के लिए सहयोग भविष्य में भी जारी रहेगा।
मुख्य अतिथि डॉ. एस.पी. सारस्वत ने अपने संबोधन में छात्रों के लिए अनुवाद कौशल इंटर्नशिप कार्यशाला की सुविधा के लिए डोगरी संस्था का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि डोगरी संस्था मातृभाषा डोगरी के संरक्षण और प्रचार के लिए एक मजबूत आवाज है और छात्र भाग्यशाली हैं कि वे विशेषज्ञ संकाय सदस्यों से यह कौशल सीख सके। । उन्होंने कहा कि कौशल विकास कार्यशालाएं आवश्यक हैं क्योंकि ये पहल छात्रों को आय उत्पन्न करने और अपनी पसंद का भविष्य बनाने का विश्वास दिलाती हैं क्योंकि उनके पास कौशल के चलते कई विकल्प उपलब्ध रहते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यह कार्यशाला विशेष है क्योंकि इसने प्रतिभागियों को अपनी जड़ों से जुड़ने का अवसर प्रदान किया है। उन्हें आशा व्यक्त की कि डोगरी संस्था के सहयोग से भविष्य में भी ऐसी ही परियोजनाओं पर कार्य चलता रहेगा।
समापन समारोह में प्रतिभागियों ने डोगरी भाषा के प्रसिद्ध कवि और कवित्रियों की कविताएं पढ़ कर उपस्थित लोगों का मन मोह लिया। डोगरी संस्था की तरफ से उन्हें भागीदारी प्रमाण पत्र, डोगरी किताबें और पद्मा सचदेव की संक्षिप्त जीवनी भी दी गई । प्रो. शशि पठानिया ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया तथा समापन समारोह का संचालन सुशील बेगाना ने किया। इसमें कई साहित्यकारों और साहित्य प्रेमियों ने भाग लिया। कार्यक्रम का समापन डोगरी धाम के साथ हुआ।
हिन्दुस्थान समाचार / राहुल शर्मा / बलवान सिंह