(वार्षिकी) जम्मू-कश्मीर में सीबीके ने आर्थिक अपराधों पर नकेल कसी, 2025 में निपटाई 1,270 शिकायतें

 

श्रीनगर, 29 दिसंबर (हि.स.)। क्राइम ब्रांच जम्मू-कश्मीर की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने घाटी भर में आर्थिक अपराधों के खिलाफ दृढ़ और निर्णायक कार्रवाई करके 2025 में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। इस साल जटिल धोखाधड़ी, जालसाजी, नौकरी घोटाले और वित्तीय अनियमितताओं से निपटने में ईओडब्ल्यू प्रमुख स्तंभ के रूप में उभरी है।

क्राइम ब्रांच ने कश्मीर घाटी में आर्थिक अपराधों की एक विस्तृत श्रृंखला के खिलाफ 2025 में निर्णायक कार्रवाई की है। इस वर्ष के दौरान ईओडब्ल्यू कश्मीर ने गंभीर और जटिल आर्थिक अपराधों से जुड़े 100 एफआईआर मामलों का सफलतापूर्वक निपटारा किया है। इन मामलों में गहन जांच, दस्तावेजी और डिजिटल साक्ष्यों का विस्तृत विश्लेषण और विभिन्न सरकारी विभागों, बैंकों और वित्तीय संस्थानों के साथ निरंतर समन्वय की आवश्यकता थी। पंजीकृत मामलों के अलावा शाखा ने जन शिकायत निवारण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 2025 के दौरान जनता और सरकारी एजेंसियों से प्राप्त कुल 1,270 शिकायतों की गहन जांच की गई और उनका समाधान किया गया।

प्रत्येक शिकायत का तथ्यात्मक और कानूनी आधार पर सावधानीपूर्वक मूल्यांकन किया गया। 2025 में प्रारंभिक स्तर पर तथ्यों को सत्यापित करने, संज्ञेय अपराधों की पहचान करने और विवादों को बढ़ने से रोकने के लिए 290 प्रारंभिक और विविध जांचें की गईं। जांच के चरण में ही कानूनी स्पष्टीकरण के माध्यम से कई मुद्दों का प्रभावी ढंग से समाधान किया गया जिससे अनावश्यक मुकदमेबाजी कम हुई और बहुमूल्य सार्वजनिक संसाधनों की बचत हुई। निपटान किए गए मामलों में नौकरी से संबंधित धोखाधड़ी के मामले एक महत्वपूर्ण हिस्सा थे। इनमें सरकारी रोजगार और विदेश में नौकरी दिलाने के झूठे वादे शामिल थे, जो अक्सर बेरोजगार युवाओं को निशाना बनाते थे।

आर्थिक अपराध शाखा ने कई भूमि धोखाधड़ी, प्रतिरूपण के मामले, धोखाधड़ी की घटनाएं और दस्तावेज़ जालसाजी की भी जांच की, जिसमें घाटी में संचालित अवैध नौकरी परामर्श कंपनियों पर विशेष ध्यान दिया गया। जांच एजेंसी ने राजस्व और सेवा अभिलेखों में धोखाधड़ी से संबंधित कई मामलों को निपटाया, जिनमें सरकारी योजनाओं के तहत गलत लाभ प्राप्त करने के लिए नकली और जाली प्रमाण पत्रों का उपयोग शामिल था।शाखा ने सार्वजनिक धन के दुरुपयोग और लोक सेवकों द्वारा आपराधिक विश्वासघात के गंभीर मामलों की भी जांच की, जिससे सार्वजनिक संसाधनों के दुरुपयोग का पता चला।

इसके अलावा वित्तीय अनियमितताओं और भ्रामक व्यावसायिक प्रथाओं से जुड़े कॉरपोरेट और कंपनी धोखाधड़ी के मामलों की गहन जांच की गई। कार्यभार और मामलों की जटिलता में वृद्धि के बावजूद, कड़ी निगरानी, नियमित समीक्षा बैठकों और बेहतर समन्वय के माध्यम से कुशल निपटान सुनिश्चित किया गया। 2025 के दौरान व्यवस्थित आर्थिक अपराधों में शामिल भूमि दलालों, आदतन अपराधियों और पेशेवर जालसाजों के संगठित नेटवर्क की पहचान की गई और उन पर कानून के तहत मामला दर्ज किया गया। ----------------------------

हिन्दुस्थान समाचार / बलवान सिंह