हिमाचल में चिट्टे की तस्करी में सरकारी कर्मचारी भी शामिल
धर्मशाला, 08 दिसंबर (हि.स.)। देवभूमि हिमाचल में चिट्टे की तस्करी के खिलाफ राज्य सरकार और पुलिस विभाग द्वारा चलाए जा रहे अभियान में एक बहुत गंभीर और चिंताजनक खुलासा हुआ है। जांच में पाया गया है कि नशे की तस्करी में सरकारी तंत्र के कुछ लोग भी शामिल हैं, जिससे इस अवैध लरोबार का नेटवर्क और भी खतरनाक और चुनौतिपूर्ण हो गया है। चिट्टे के इस काले कारोबार में नशा तस्करों के साथ ही 60 सरकारी कर्मचारियों की संलिप्तता का खुलासा हुआ है, जिनमें से 15 पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। इस बात का खुलासा हाल ही में धर्मशाला में हुए शीत सत्र में खुद मुख्यमंत्री ने किया था। यह बात न केवल नशे की तस्करी के खिलाफ सरकार की मुहिम की गंभीरता को उजागर करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि नशे का कारोबार सरकारी तंत्र में घुसपैठ कर चुका है।
इस खुलासे के बाद हिमाचल सरकार ने तुरंत प्रशासनिक और कानूनी कदम उठाए हैं। संलिप्त पाए गए 5 पुलिसकर्मियों को तत्काल बर्खास्त कर दिया गया है, जिससे यह साफ संदेश जाता है कि राज्य सरकार भ्रष्टाचार और अवैध गतिविधियों के खिलाफ 'जीरो टॉलरेंस' नीति अपना रही है। इसके अलावा, अन्य संलिप्त कर्मचारियों के खिलाफ भी सख्त कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और 10 दिसंबर तक पुलिस विभाग से उन सभी सरकारी कर्मचारियों का विस्तृत विवरण मांगा है जो चिट्टा तस्करी में संलिप्त पाए गए हैं। यह कदम प्रशासनिक समीक्षा और शुद्धिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है, ताकि सरकारी तंत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार और अवैध गतिविधियों को जड़ से खत्म किया जा सके।
हिमाचल सरकार की यह कार्रवाई न केवल नशे के खतरे से निपटने की दिशा में है, बल्कि यह सरकारी तंत्र की सफाई और सुधार के लिए भी एक निर्णायक कदम है। यह दिखाता है कि राज्य सरकार किसी भी स्थिति में नशे के कारोबार को बढ़ावा देने या इसमें शामिल होने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों से समझौता नहीं करेगी।
हिन्दुस्थान समाचार / सतेंद्र धलारिया