भारत से शांति और दिव्यता की राह देख रहा हैं विश्व : प्रेम कुमार
हमीरपुर, 25 दिसंबर (हि.स.)। हिन्दू सम्मेलन की श्रृंखला में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन हमीरपुर नगर की अनु बस्ती में किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता आरएसएस की राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य व हिमाचल के पूर्व प्रान्त प्रचारक प्रेम कुमार रहे। इस अवसर पर मुख्य अतिथि एन आई टी की कुलसचिव अर्चना नानोटी रही।
अपने संबोधन में प्रेम कुमार ने कहा कि पूरा विश्व भारत की और दृष्टि लगाए बैठे हैं, और शांति व दिव्यता की अपेक्षा कर रहा हैं। विश्व में व्याप्त चुनौतियों का निस्तारण करने का माद्दा केवल भारत में ही है।
उन्होंने कहा कि जाति पाति विहीन समाज, समृद्ध समाज निर्माण के साथ भारत संगठित राष्ट्र बनने की ओर अग्रसर हो रहा है ।
सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भारत आज संपूर्ण विश्व की दशा और दिशा तय करने में महत्वपूर्ण कारक सिद्ध हो रहा है।
कार्यक्रम के मुख्यवक्ता प्रेम कुमार्ब ने अपने उद्बोधन में कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना सन् 1925 में विजयादशमी के दिन हुई। संघ ने अपनी इस यात्रा में अनेक प्रकार के अवरोधों का सामना किया, लेकिन आज राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पूरे देश भर में अपनी स्वीकार्यता बना चुका है तथा चहुं ओर सकारात्मक सहयोग मिल रहा है। संघ ने अपने शताब्दी वर्ष में पंच परिवर्तन का विषय समाज के समक्ष रखा है जिसमें स्वदेशी का भाव सब में जगे। अपनी संस्कृति, अपनी भाषा, अपने संस्कारों के प्रति सब में भाव का जागरण हो। परिवारों में संस्कार आए, समाज में छुआछूत का भेदभाव न हो तथा अपना सारा समाज समरस बने। अपने अधिकारों की तो हम बात करते हैं लेकिन साथ में जो नागरिक कर्तव्य हैं उनका भी हम पालन करें तथा पर्यावरण के संरक्षण हेतु आज जो चुनौतियां हैं उन चुनौतियों का समाधान तभी हो सकता है जब हम अपने पर्यावरण के प्रति सजग और जागरूक होंगे। समाज में बढ़ती हुई नशे की प्रवृत्ति पर भी उन्होंने चिंता व्यक्त की तथा युवाओं से आह्वान किया कि वे जन जागरण अभियान चलाकर समाज में बढ़ रही इस कुरीति को समाप्त करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं।
हिंदू सम्मेलन में सिंदूरी माता मंदिर के आचार्य प्रफ्फुल ने सनातन में निरंतर हो रहे परिवर्तनों की जानकारी दी। आचार्य ने हनुमान चालीसा की व्याख्या करते हुए सुप्त हो रही सनातनी शक्ति को जागृत करने का मार्ग प्रशस्त किये। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में सनातन संस्कृति पूरी दुनिया को एक नई राह दिखा सकती है और इसके लिए हम सभी को एकजुट होकर प्रयास करना चाहिए। बच्चों तथा युवाओं में संस्कार देने की परम्परा हमारे परिवारों में प्राचीन काल से थी, लेकिन आज भौतिकता के युग में उन संस्कारों में कमी दिखाई दे रही है।
हिंदू सम्मेलन में 1500 के लगभग जन समुदाय उपस्थित रहा। सादिक़ चौधरी द्वारा लगन तुमसे लगा बैठे’ सुन्दर भजन, वेद व श्रद्धा द्वारा देशभक्ति गीत, श्रीया व गौरी द्वारा निज गौरव को निज वैभव गीत को प्रस्तुत किया गया।
कार्यक्रम के समापन के बाद सभी आए हुए सनातनियों/भक्तजनों के लिए प्रसाद की व्यवस्था रखी गई थी। यह आयोजन हिन्दू समागम समिति अनू के द्वारा किया गया था।
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हिन्दुस्थान समाचार / विशाल राणा