प्राकृतिक खेती से बढ़ी किसानों की आय, हल्दी की फसल से मिल रहा आर्थिक संबल

 


मंडी, 25 दिसंबर (हि.स.)। आत्मनिर्भर हिमाचल की दिशा में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व में प्रदेश सरकार की कृषि हितैषी नीतियां अब धरातल पर सकारात्मक परिणाम देने लगी हैं। प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहन के उद्देश्य से सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किए जाने से किसानों की आय में वृद्धि हो रही है, वहीं आम जनता को गुणवत्तापूर्ण एवं रसायन-मुक्त खाद्यान्न उपलब्ध हो रहा है।

जिला मंडी में भी आत्मनिर्भर हिमाचल की परिकल्पना को साकार करती सुक्खू सरकार की कृषि नीतियां अब ग्रामीण क्षेत्रों में सकारात्मक बदलाव ला रही हैं। इसका सशक्त उदाहरण हैं उपमंडल बल्ह के गांव गंभर खड्ड के किसान सुरेश कुमार। किसान परिवार से संबंध रखने वाले सुरेश बताते हैं कि वे बचपन से ही खेती करते आ रहे हैं। पहले मक्की बीजते थे, लेकिन समय के साथ जंगली जानवरों के बढ़ते आतंक से उनकी फसलें लगातार नष्ट होने लगीं। मेहनत के बावजूद आमदनी न होने से उन्होंने खेती करना छोड़ दिया और खेत बंजर होने लगे।

पिछले वर्ष कृषि विभाग द्वारा संचालित जाइका परियोजना के अंतर्गत जीरो बजट प्राकृतिक खेती तथा कच्ची हल्दी की 90 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से सरकारी खरीद की जानकारी मिली। यह उनके जीवन में एक नई शुरुआत साबित हुई। उन्हें विभाग से मार्गदर्शन के साथ ही पालमपुर से 100 किलोग्राम हल्दी का बीज उपलब्ध करवाया गया। उन्होंने अपनी एक बीघा भूमि में हल्दी की प्राकृतिक खेती शुरू की। आज उनकी फसल लगभग तैयार है। हल्दी की फसल को जंगली जानवर नुकसान नहीं पहुंचाते, जिससे किसानों की चिंता काफी हद तक कम हो गई है। इससे न केवल खेती सुरक्षित हुई है, बल्कि लंबे समय से बंजर पड़े खेत भी पुनः आबाद हुए हैं।

इस सफलता से उत्साहित सुरेश आगामी सीजन में दो बीघा भूमि में हल्दी की प्राकृतिक खेती करने की योजना बना रहे हैं। उनका कहना है कि सरकार की यह योजना किसानों के लिए संजीवनी साबित हो रही है। न्यूनतम समर्थन मूल्य से जहां अच्छी आमदनी सुनिश्चित हुई है, वहीं प्राकृतिक खेती से लागत भी काफी कम हुई है।

उन्होंने क्षेत्र के अन्य किसानों से भी प्राकृतिक खेती और हल्दी उत्पादन अपनाकर अपनी आय बढ़ाने और आत्मनिर्भर बनने का आह्वान किया।

कृषि विभाग के उप परियोजना अधिकारी हितेंद्र रावत ने बताया कि जिला मंडी में वर्ष 2024-25 के दौरान 15 किसानों से कुल 2.982 मीट्रिक टन कच्ची हल्दी की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य 90 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से की गई। इन किसानों के खाते में लगभग 2.68 लाख रूपये विभाग द्वारा डाले गए। उन्होंने अन्य किसानों से भी प्राकृतिक खेती अपनाने का आह्वान किया।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / मुरारी शर्मा