चार श्रम संहिताओं के विरोध में सीटू का कुल्लू में धरना प्रदर्शन
कुल्लू, 19 दिसंबर (हि.स.)। देश में केंद्र सरकार द्वारा लागू की जा रही चार श्रम संहिताओं के विरोध में सीटू ने व्यापक आंदोलन की घोषणा की है। इसी कड़ी में शुक्रवार को सीटू कार्यकर्ताओं ने कुल्लू मुख्यालय स्थित ढालपुर उपायुक्त कार्यालय के समक्ष धरना प्रदर्शन किया। सीटू का आरोप है कि केंद्र की मोदी सरकार ने आज़ादी से पहले और बाद में बने 43 श्रम कानूनों को समाप्त कर उन्हें चार श्रम संहिताओं में बदल दिया है जिससे मजदूरों के अधिकारों पर गंभीर हमला हुआ है।
सीटू नेताओं का कहना है कि पुराने श्रम कानूनों के तहत मजदूरों को कोर्ट, कचहरी और श्रम विभाग के माध्यम से न्याय पाने का अधिकार था, लेकिन नई श्रम संहिताओं के लागू होने से ये कानूनी संरक्षण कमजोर हो गए हैं। कई महत्वपूर्ण कानूनों को पूरी तरह समाप्त कर दिया गया है जबकि शेष में ऐसे संशोधन किए गए हैं जो मजदूरों के बजाय पूंजीपतियों के हित में हैं।
संगठन ने आरोप लगाया कि वर्ष 2020-21 में कोरोना महामारी और लॉकडाउन के दौरान, जब मजदूर विरोध की स्थिति में नहीं थे, उसी समय बिना व्यापक चर्चा के संसद में ये श्रम संहिता विधेयक पारित कराए गए। सीटू के अनुसार अब 21 नवंबर 2025 को अधिसूचना जारी कर इन्हें लागू करने की प्रक्रिया शुरू की गई है।
सीटू ने चेतावनी दी है कि जब तक श्रमिक विरोधी श्रम संहिताएं वापस नहीं ली जातीं, तब तक देशभर में आंदोलन जारी रहेगा।
हिन्दुस्थान समाचार / जसपाल सिंह