चमियाणा सूपर स्पेशलिटी में रोबोटिक सर्जरी से नया भरोसा, 100 से अधिक मरीजों का सफल इलाज
शिमला, 17 दिसंबर (हि.स.)। शिमला के सुपर स्पैशलिटी अस्पताल चमियाणा में अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाओं का लाभ अब बड़ी संख्या में मरीजों को मिलने लगा है। अगस्त महीने में शुरू की गई रोबोटिक सर्जरी ने कम समय में ही अस्पताल को प्रदेश की एक अहम सुपर स्पैशलिटी इकाई के रूप में स्थापित कर दिया है। अब तक 100 से अधिक मरीजों की सफल रोबोटिक सर्जरी की जा चुकी है और ये सभी मरीज स्वस्थ बताए जा रहे हैं।
सुपर स्पैशलिटी अस्पताल चमियाणा के प्राचार्य डॉ. बृज शर्मा और मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. सुधीर शर्मा ने बुधवार को आयोजित प्रेस वार्ता में बताया कि 11 अगस्त को लगभग 29 करोड़ रुपये की लागत से रोबोटिक सर्जरी सुविधा शुरू की गई थी। इसके बाद से अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले मरीजों की संख्या लगातार बढ़ी है। उन्होंने बताया कि केवल नवंबर महीने में ही अस्पताल की ओपीडी में 12,327 मरीजों का इलाज किया गया, जबकि 591 मरीजों को आईपीडी के तहत भर्ती किया गया।
अस्पताल में अब तक कुल 298 बड़ी सर्जरी और 787 छोटी सर्जरी सफलतापूर्वक की जा चुकी हैं। जांच सुविधाओं की बात करें तो रैडियोलॉजी विभाग ने 505 अल्ट्रासाउंड, 385 सीटी स्कैन, 1,926 एक्स-रे और 1,222 ईसीजी जांचें की हैं। मौजूदा समय में चमियाणा अस्पताल में प्रतिदिन करीब 1,000 मरीज ओपीडी में इलाज के लिए पहुंच रहे हैं।
डॉ. बृज शर्मा और डॉ. सुधीर शर्मा ने बताया कि अस्पताल में न्यूरोलॉजी, कार्डियोलॉजी, यूरोलॉजी, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, प्लास्टिक सर्जरी, एंडोक्रोनोलॉजी, सीटीवीएस और कार्डियक एनेस्थीसिया जैसे सुपर स्पैशलिटी विभाग पूरी तरह से कार्यरत हैं। यहां एक पूर्ण सुसज्जित इंडोर प्रयोगशाला काम कर रही है और नवीनतम 256 स्लाइस सीटी स्कैन मशीन भी स्थापित की गई है। इसके साथ ही अस्पताल में अत्याधुनिक कार्डियक कैथ लैब की सुविधा भी उपलब्ध है।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के सहयोग से अस्पताल को लगातार नई सुविधाएं मिल रही हैं। मरीजों की बेहतर देखभाल के लिए 50 स्टाफ नर्सों की नियुक्ति को स्वीकृति दी गई है। मरीजों की समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए सूचना एवं शिकायत निवारण प्रकोष्ठ का गठन किया गया है, जहां मरीज अपनी शिकायतें और सुझाव दर्ज करवा सकते हैं।
आने वाले समय में अस्पताल में और भी आधुनिक सुविधाएं जुड़ने वाली हैं। मुख्यमंत्री ने लगभग 25 करोड़ रुपये की लागत से थ्री टेस्ला एमआरआई मशीन को मंजूरी दे दी है, जिसे अगले छह महीनों में स्थापित किए जाने की संभावना है। इसके अलावा 25 करोड़ रुपये की लागत वाली ट्रैक आधारित स्वचालित प्रयोगशाला और 10 करोड़ रुपये की डिजिटल सबस्ट्रैक्शन एंजियोग्राफी मशीन को भी स्वीकृति दी गई है।
अस्पताल में क्रिटिकल केयर ब्लॉक का निर्माण कार्य जारी है, जिसके लिए भारत सरकार ने करीब 29.82 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं। वहीं अतिरिक्त ब्लॉक का निर्माण भी चल रहा है, जिसकी लागत 54.60 करोड़ रुपये है और इसे केंद्र व राज्य सरकार की मंजूरी मिल चुकी है।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा