किवी उत्पादन आर्थिकी सुदृढ़ करने का बेहतरीन विकल्प
नाहन, 25 सितंबर (हि.स.)। जिला सिरमौर का पच्छाद क्षेत्र नगदी फसलों के उत्पादन के लिए जाना जाता है। यहां के किसान टमाटर, शिमला मिर्च, बीन्स, मटर, अदरक, लहसून की खेती के साथ-साथ फल उत्पादन जिसमें विशेषकर आडू, नाशपाती, सेब, किवी का भी उत्पादन कर अपनी आर्थिकी को सुदृढ़ कर रहें है।
सिरमौर जिला की उप तहसील नारग के गांव थलेडी का बेड़ के प्रगतिशील किसान विजेन्द्र सिंह ठाकुर बनाते हैं कि उन्होंने वर्ष 1990 में पहली बार 100 पौधे किवी की एलीसन तथा हेबर्ट प्रजाति के लगाऐ, उसके चार साल बाद उन्होंने अपने बगीचे में 50 पौधे कीवी के और लगाऐ। आज उनके बगीचे में 150 कीवी के फलदार पौधे हैं।
विजेन्द्र ठाकुर बताते हैं कि इसी माह सितम्बर में उनके बगीचे से लगभग 50 क्विंटल कीवी का उत्पादन हुआ जिससे उन्हें इसी व्यवसाय से 10 लाख रूपये की आमदानी हुई। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा उन्हें 100 पौधे किवी लगाने पर मुख्यमंत्री किवी प्रोत्साहन योजना के तहत 1 लाख 60 हजार रूपये अनुदान भी मिला। वह बताते हैं कि उनका संयुक्त परिवार है जिसमें परिवार के 6 सदस्य कृषि तथा बागवानी व्यवसाय से जुड़े है। इसके अतिरिक्त 2 अन्य लोगों को भी उन्होंने रोजगार दिया है। वह अपने खेतों में टमाटर, शिमला मिर्च ,मटर और लहसून की भी खेती करते है।
इसी गांव के प्रगतिशील बागवान नरेन्द्र पवांर बताते है कि उन्होंने वर्ष 1993 में डा0 वाई एस0 परमार बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी से पहली बार किसी के 150 पौधे खरीदे व अपने खेतों में रोपित किए। उन्होंने कीवी की बागवानी संबंधी जानकारी व बारीकियां विश्वविद्यालय से प्राप्त की । उन्होंने बताया कि कीवी की पैदावार चार हजार से छः हजार फीट की ऊंचाई वाले क्षेत्रों पर होती है जिसमें किवी की एलिसन, ब्रूनो, मोंटी, एबोट व हेवर्ड मुख्य प्रजातियां है।
उन्होंने बताया की अब उनके बगीचे में 300 कीवी के फलदार पौधे है। उन्होंने इस वर्ष 90 क्विंटल के लगभग कीवी का उत्पादन किया है जिससे उन्होनें 15 लाख रूपये से अधिक की आय अर्जित हुई हैं। उन्होंने बेरोजगार युवाओं से आहवाहन किया की वह सरकारी नौकरी की ओर भटकने की बजाय कीवी उत्पादन में रूची लें और अपनी आर्थिकी को सुदृढ़ करें।
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हिन्दुस्थान समाचार / जितेंद्र ठाकुर