किसान आंदोलन पर कंगना का बयान दुर्भाग्यपूर्ण, मांगे मांफी : विक्रमादित्य सिंह

 




शिमला, 27 अगस्त (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश के मंडी से सांसद व बॉलीबुड अभिनेत्री कंगना रनौत के किसान आंदोलन पर दिए गए बयान पर विवाद खड़ा हो गया है। इस बयान पर कंगना को कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। भाजपा भी इस बयान से किनारा कर कंगना को सख्त हिदायत दे चुकी है। अब हिमाचल प्रदेश के कैबिनेट मंत्री व मंडी लोकसभा सीट से कंगना के ख़िलाफ़ चुनाव लड़ चुके विक्रमादित्य सिंह ने भी कंगना के इस बयान की भर्त्सना की है। उन्होंने कंगना को किसानों से माफी मांगने के लिए भी कहा है।

विक्रमादित्य सिंह ने मंगलवार को कहा कि वे कंगना रनौत के हरियाणा में किसान आंदोलन पर गलत बयान की कड़ी निंदा करते हैं। उनका यह बयान तथ्यों पर आधारित नहीं है। सिंह ने कहा कि कंगना रनौत को इस तरह के संवेदनशील मुद्दों पर बोलने से पहले सावधानी बरतनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसे बयान किसानों के संघर्षों और उनके बलिदान का अपमान है। खासकर जब प्रधानमंत्री ने पहले ही किसानों के खिलाफ काले कानूनों को रोल बैक कर दिया है। ऐसे में कंगना का यह बयान अस्वीकार्य है और उन्हें इस तरह के असंवेदनशील और विभाजनात्मक बयानों के लिए किसानों से माफी मांगनी चाहिए।

कंगना का विवादित बयान

दरअसल, कंगना रनौत ने कहा था कि जो किसान आंदोलन हुआ, वहां लाशें लटक रही थीं, वहां रेप हो रहे थे। किसान बिल को वापस ले लिया गया, जिससे देश चौंक गया। ये बहुत लंबी प्लानिंग थी, जैसे बांग्लादेश में हुआ। चीन और अमेरिका इस तरह की विदेश शक्तियां यहां काम कर रही हैं। कंगना ने कहा था कि अगर हमारा शीर्ष नेतृत्व मजबूत नहीं होता तो जो बांग्लादेश में हुआ वो यहां होते देऱ नहीं लगती।

कंगना के बयान से भाजपा ने किया किनारा

कंगना का यह बयान भाजपा नेतृत्व को भी चुभ गया है और भाजपा ने किनारा करते हुए इसे कंगना का निजी मत बताया। इतना ही नहीं भाजपा ने कंगना को सख्त हिदायत भी दी है कि वे इस तरह का बयान न दें।

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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा / सुनील सक्सेना