राजनीतिक लाभ के लिए सरकारी खजाना लुटने नहीं दूंगाः मुख्यमंत्री
सोलन, 21 अगस्त (हि.स.)। राजनीतिक लाभ के लिए मैं सरकारी खजाने को लुटने नहीं दूंगा। साधन संपन्न लोगों को बिजली और पानी पर सब्सिडी नहीं दी जाएगी तथा सरकार द्वारा इसका युक्तिकरण किया जा रहा है, ताकि गरीब व्यक्ति को लाभ मिले। सरकार द्वारा उठाए कदमों से प्रदेश की अर्थव्यवस्था में सुधार हो रहा है। एक वर्ष में अर्थव्यवस्था बीस प्रतिशत सुधरी है। हिमाचल प्रदेश में जीएसटी कलेक्शन भी बेहतर हुआ है। मंगलवार को एक दिवसीय सोलन दौरे के दौरान मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार इस वित्त वर्ष में प्रत्येक 100 रुपये में से वेतन पर 25 रुपये, पेंशन पर 17 रुपये, ब्याज पर 11 रुपये, कर्ज अदायगी पर नौ रुपये, स्वायत्त संस्थानों की ग्रांट पर 10 रुपये और बचे हुए 28 रुपये पूंजीगत व्यय और अन्य गतिविधियों पर खर्च किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश को मिलने वाला राजस्व घाटा अनुदान भी कम हुआ है। वर्ष 2021-22 में अनुदान के रूप में राज्य सरकार को 10 हजार करोड़ रुपये मिलते थे जबकि वर्ष 2025-26 में यह अनुदान घट कर तीन हजार करोड़ रुपये रह जाएगा, लेकिन इसके बावजूद वर्तमान राज्य सरकार का विज़न हिमाचल प्रदेश को व्यवस्था परिवर्तन से आत्मनिर्भर बनाना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार को पिछली भाजपा सरकार से 75 हजार करोड़ रुपये का कर्ज़ और 10 हजार करोड़ रुपये की बकाया देनदारियां विरासत में मिलने के बावजूद 20 माह के अपने कार्यकाल में राज्य सरकार ने कर्मचारियों को सात प्रतिशत मंहगाई भत्ता प्रदान किया है और इस वर्ष 75 वर्ष से अधिक आयु के 28 हजार पेंशन भोगियों को एरियर का भुगतान किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी कर्मचारी मेरे परिजनों के समान है। प्रदेश की अर्थव्यवस्था को स्थिर करने के लिए अभी छः माह का और समय लगेगा। प्रदेश की अर्थव्यवस्था के पटरी पर आने पर एरियर और मंहगाई भत्ते प्रदान किए जाएंगे।उन्होंने कहा कि हम हिमाचल प्रदेश में लोगों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करना चाहते हैं और राज्य सरकार सुशासन पर ध्यान दे रही है। शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में हिमाचल प्रदेश काफी नीचे खिसक गया है। इसलिए इन क्षेत्रों में व्यापक स्तर पर सुधार किए जा रहे हैं। डॉक्टरों और पैरा मेडिकल स्टाफ को कार्य का बेहतर माहौल प्रदान करने के लिए स्वास्थ्य संस्थानों में रिक्त पदों को भरा जा रहा है, ताकि वह आठ घंटे में शिफ्ट में काम करें और इससे मरीजों को भी लाभ होगा। राज्य सरकार ने केजुएल्टी डिपार्टमेंट का नाम बदलकर डिपार्टमेंट ऑफ इमरजेंसी सर्विसिज कर दिया है, ताकि वहां आवश्यक सुविधाएं जुटाई जा सकें।
ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि जिला सोलन के कंडाघाट में प्रदेश के नौ हजार दिव्यांग बच्चों को उच्च शिक्षा प्रदान करने के लिए एक सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर एजुकेशन ऑफ दिव्यांगजन का निर्माण किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त जिला सिरमौर के कोटला-बड़ोग में राज्य स्तरीय आदर्श नशा मुक्ति एवं पुनर्वास केंद्र स्थापित किया जाएगा। यह नशा मुक्ति केंद्र मादक पदार्थों की लत से जूझ रहे लोगों की सहायता करेगा और उन्हें समाज की मुख्यधारा में शामिल करेगा।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / संदीप शर्मा / सुनील शुक्ला