ठोस कचरा प्रबंधन के लिए योजना बनाएं अधिकारी: डीसी

 












ऊना, 05 मार्च (हि. स.)। जिला मुख्यालय ऊना में ग्रामीण विकास तथा पंचायती राज विभाग द्वारा किए जा रहे विभिन्न विकासात्मक कार्यों व योजनाओं की त्रैमासिक समीक्षा बैठक उपायुक्त जतिन लाल की अध्यक्षता में आयोजित हुई। बैठक में मनरेगा, प्रधानमंत्री आवास योजना, मुख्यमंत्री आवास योजना, सांसद आदर्श ग्राम योजना, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना 2.0, जिला प्रशासन की पहल के तहत किए जाने वाले कार्यों तथा स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण सहित विभिन्न विषयों पर विस्तृत चर्चा की गई।

उपायुक्त ऊना ने ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे विकास कार्यों को न्यूनतम समय सीमा के भीतर पूर्ण करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि अधिकारी जिला के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें तथा समूचे जिला ऊना में ठोस कचरा प्रबंधन के लिए एक विस्तृत योजना तैयार करें ताकि पूरे जिला के ग्रामीण क्षेत्रों में घर-घर से कूड़ा एकत्रित करने की व्यवस्था को कायम किया जा सके।

उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में युवाओं से नशे व मोबाइल के अत्यधिक इस्तेमाल की लत छुड़वाने के लिए उन्हें खेल गतिविधियों के अवसर प्रदान करने की आवश्यकता है। इसलिए सभी अधिकारी ग्रामीण क्षेत्रों में खेल मैदानों तथा खेल गतिविधियों के विकास पर विशेष बल दें ताकि युवा पीढ़ी को खेल गतिविधियों से जोड़ा जा सके।

उपायुक्त ने जानकारी दी कि मनरेगा के अंतर्गत जिला ऊना में फरवरी 2024 तक 1142009 कार्य दिवस उत्पन्न किए गए हैं जो कि दिए गए निर्धारित लक्ष्य का 110 प्रतिशत है। प्रधानमंत्री आवास योजना प्लस (ग्रामीण) के तहत वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान जिला में 113 आवासों के निर्माण का लक्ष्य रखा गया था जिसमें से 111 पूर्ण कर लिए गए हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना प्लस (ग्रामीण) के तहत वित्त वर्ष 2023 24 के दौरान प्राकृतिक आपदा के कारण लोगों के घरों को हुए नुकसान के लिए 517 आवास आवंटन का लक्ष्य रखा गया था तथा सभी 517 आवास स्वीकृत किए जा चुके हैं।

उपायुक्त ने बताया कि सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत विकासखंड ऊना की ग्राम पंचायत चताड़ा के लिए 26 कार्य स्वीकृत किए गए हैं जिनमें से 12 कार्य पूर्ण किए जा चुके हैं जबकि 11 कार्य प्रगति पर है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत जिला ऊना के 1440 स्वयं सहायता समूह को 19 करोड़ रुपए की राशि आवंटित करने का लक्ष्य रखा गया था जिसमें से 656 स्वयं सहायता समूहों को 14 करोड़ 98 लाख रुपए आवंटित किए जा चुके हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/विकास/सुनील