शिक्षक दिवस पर राज्यपाल ने 27 शिक्षकों को किया सम्मानित

 


शिमला, 5 सितंबर (हि.स.)। शिक्षक दिवस के अवसर पर राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने गुरुवार काे राजभवन में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में 27 अध्यापकों को राज्य पुरस्कार और एक अध्यापक को राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया। यह पुरस्कार वर्ष 2023 के लिए शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए दिए

गए। इस अवसर पर राज्यपाल की पत्नी जानकी शुक्ला ने सभी पुरस्कृत अध्यापकों को पौधें भी भेंट किए।

भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती का दिन देशभर में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर राज्यपाल ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि डॉ. राधाकृष्णन एक कुशल प्रशासक, कर्मठ राजनेता, महान शिक्षक और सत्यनिष्ठ व्यक्तित्व के धनी थे।

इस अवसर पर शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित अध्यापकों को बधाई देते हुए राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में अध्यापकों, अभिभावकों और विद्यार्थियों की भूमिका महत्त्वपूर्ण है। अध्यापकों को समाज के सभी वर्गों के प्रति संवेदनशील होने की आवश्यकता है जिससे शिक्षण और सीखने की प्रक्रिया और अधिक प्रभावी होगी। उन्होंने कहा कि एक मजबूत राष्ट्र के निर्माण के लिए प्रतिबद्धता से कार्य करने की आवश्यकता है और युवाओं की सक्रिय भागीदारी से इसे साकार किया जा सकता है।

राज्यपाल ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 (एनईपी) में भी राष्ट्र निर्माता के रूप में अध्यापकों के महत्त्व के बारे में बताया गया है। इस नीति में शिक्षकों के प्रति सम्मान की भावना को बढ़ाने के लिए अनेक प्रावधान किए गए हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल ने सदैव ही शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन किया है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में सुझाए गए सुधारों के अनुरूप हिमाचल इस दिशा में बेहतर कार्य करेगा।

नशे के प्रवृत्ति पर चिंता व्यक्त करते हुए राज्यपाल ने कहा कि वर्तमान में बहुत से युवा नशे के चुंगल में फंसे हुए हैं जो देश के उज्ज्वल भविष्य के लिए चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि नशे के विरुद्ध एक जन आन्दोलन शुरू करने की आवश्यकता है जिसके माध्यम से स्कूलों, महाविद्यालयों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों के विद्यार्थियों को नशे के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक किया जाएगा।

राज्यपाल ने किया स्मारिका का विमोचन

शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने राज्यपाल और लेडी गर्वनर का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार शिक्षा क्षेत्र के विकास के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में सुधार करने के उद्देश्य से अनेक महत्त्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षक पुरस्कारों के लिए पारदर्शी नीति को अपनाया गया है जिसमें साक्षात्कार के साथ-साथ मूल्यांकन को भी शामिल किया गया ताकि योग्य शिक्षक को ही पुरस्कृत किया जाए।

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हिन्दुस्थान समाचार / सुनील शुक्ला