एसपीयू में राष्ट्रीय एकता और भारत का एकीकरण विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी

 

मंडी, 26 दिसंबर (हि.स.)। लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में एसपीयू मंडी में सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय एकता और भारत का एकीकरण विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी शुरू हुई। उदघाटन समारोह में मुख्य अतिथि चंद्रशेखर विधायक धर्मपुर निर्वाचन क्षेत्र और एसपीयू मंडी की कार्यकारी परिषद के सदस्य थे और प्रोफेसर एडीएन बाजपेयी पूर्व कुलपति एचपीयू शिमला और कुलपति अटल बिहारी बाजपेयी विश्वविद्यालय बिलासपुर छत्तीसगढ़ राष्ट्रीय संगोष्ठी के अतिथि वक्ता थे। प्रोफेसर ललित कुमार अवस्थी कुलपति एसपीयू ने समारोह की अध्यक्षता की। जबकि डा. योगिंदर यादव निदेशक इग्नू क्षेत्रीय केंद्र शिमला और डा. चेत राम गर्ग निदेशक ठाकुर राम सिंह शोध संस्थान नेरी विशिष्ट अतिथि थे।

इस अवसर पर बोलते हुए प्रोफेसर एएनडी बाजपेयी ने सरदार पटेल की तुलना पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी से की। प्रोफेसर बाजपेयी ने आधुनिक भारत के निर्माण में सरदार पटेल की भूमिका और योगदान पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि उनके विचारों और दर्शन को आगे बढ़ाकर भारत को 2047 तक विकसित भारत बनाना होगा। उन्होंने एसपीयू मंडी से अपने भविष्य के प्रयासों में अटल बिहारी बाजपेयी विश्वविद्यालय बिलासपुर के साथ सहयोग करने का आह्वान किया।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि चंद्रशेखर ने कहा कि इस तरह के सेमिनार हमारी नई पीढिय़ों को भारत की एकता और अखंडता में सरदार पटेल के अद्वितीय योगदान से अवगत कराने के लिए महत्वपूर्ण हैं। पंडित नेहरू को याद करते हुए उन्होंने कहा कि हमारे स्वतंत्रता संग्राम में प्रत्येक व्यक्ति ने योगदान दिया और महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मुख्य अतिथि ने हिमाचल प्रदेश के समक्ष उपस्थित विभिन्न समस्याओं पर प्रकाश डाला तथा शिक्षाविदों और शोधकर्ताओं से आह्वान किया कि वे हमारे राज्य को न केवल शिक्षा बल्कि अन्य क्षेत्रों में भी प्रगतिशील राज्य बनाने के लिए एकजुट हों।

मंडी में बिताए अपने छात्र जीवन को याद करते हुए उन्होंने सद्भाव बनाए रखने और प्रगतिशील भारत की दिशा में सामूहिक रूप से काम करने के लिए अधिक से अधिक लोगों की भागीदारी का आह्वान किया। कार्यकारी परिषद के सदस्य होने के नाते उन्होंने विश्वविद्यालय को अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में हर संभव सहायता और सहयोग का आश्वासन दिया। इस संगोष्ठी के संरक्षक के रूप में प्रोफेसर ललित अवस्थी ने विशिष्ट अतिथियों का स्वागत किया और कहा कि इस संगोष्ठी का उद्देश्य भारत की एकता और अखंडता में सरदार पटेल के अद्वितीय योगदान पर प्रकाश डालना है। आधुनिक भारत के निर्माता के रूप में जाने, जाने वाले सरदार पटेल ने 560 से अधिक रियासतों को भारतीय संघ में एकीकृत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाईए जिससे एक मजबूत और एकीकृत राष्ट्र सुनिश्चित हुआ। उनकी दूरदर्शिता, दृढ़ संकल्प और नेतृत्व सभी के लिए प्रेरणास्रोत है।

संगोष्ठी के दौरान आज मुख्य अतिथि द्वारा डा. राजेश शर्मा सहायक प्रोफेसर इतिहास विभाग एसपीयू मंडी द्वारा लिखित दो पुस्तकों का भी विमोचन किया गया। संगोष्ठी में सरदार पटेल विश्वविद्यालय गुजरातए राजस्थान, चंडीगढ़ए हरियाणा और पंजाब के छात्र और शिक्षक भाग ले रहे हैं। इस दो दिवसीय सेमिनार में शोधार्थी अपने शोध पत्र प्रस्तुत करेंगे। इस राष्ट्रीय सेमिनार के संयोजक डा. राजेश शर्मा ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। सेमिनार के उदघाटन सत्र में मंडी शहर के गणमान्य लोग, छात्र और एसपीयू के कर्मचारी मौजूद रहे।

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हिन्दुस्थान समाचार / मुरारी शर्मा