दलबदल की राजनीति करने वाले जनता के सेवक नहीं होते : सूक्खु
सोलन, 01 मार्च (हि. स.) । प्रदेश का बजट पास होने के समय 28 फरवरी को कांग्रेस के छह विधायकों ने अपना ईमान बेचकर भाजपा के साथ मिलकर सरकार गिराने का प्रयास किया । भाजपा के नेता और काँग्रेस के छह काले नागों ने 27 फरवरी को विधानसभा स्पीकर को धमकाया और 28 तारीख को बजट पास होने से रोकने का षड्यंत्र रचा गया था ।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सूक्खु ने शुक्रवार को सोलन जिला के धर्मपुर में जनसभा को संबोधित करते हुए अपने रुंधे गले से दर्द ब्यान किया । उन्होंने कहा कि छह काले नागों ने बजट सत्र में आने के लिए सड़क मार्ग का इस्तेमाल नहीं किया । बल्कि सी आर पी एफ, हरियाणा पुलिस के संरक्षण में हेलीकॉप्टर से शिमला पहुंचे और वह छह के छह नाग अंदर बजट में नहीं बैठे और कांग्रेस के समर्थन में नहीं दिखे ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इसी बजट में गरीबों, युवाओं, महिलाओं, कर्मचारियों, पुलिस व सरकारी कर्मचारियों के हित में योजनाएं पास की जानी थी । उन्होंने कहा कि सभी योजनाओं के लिए बढ़ाए गए बजट का पैसा भ्रष्टाचार को रोका गया जिससे यह बजट जनता के हित के लिए दिए गए हैं ।
उन्होंने कहा कि अगले 4 वर्षों में हम हिमाचल को आत्मनिर्भर बनाएंगे । उन्होंने कहा कि जिस कांग्रेस पार्टी की विचारधारा और हाथ निशान से वह चुनकर यहां तक पहुंचे हैं जिस पार्टी को हम मां का दर्जा देते हैं उससे गद्दारी नहीं कर सकते हैं । उनका कहना था कि वह किसी भी षड्यंत्र से डरकर भागने वालों में से नहीं हैं । इसका वह डटकर मुकाबला करेंगे ।
मुख्यमंत्री ने अपने इस भाषण से यही संकेत दिया है कि पार्टी से और जनता के विश्वास से गद्दारी करने वाले राजनेताओं से जनता को सम्भलकर रहने की आवश्यकता है । ऐसे लोगों को राजनीति में उतरने से रोकना जनहित में होगा । पार्टी दलबदल करने वाले नेता जनता की सेवा नहीं अपनी खुद की कमाई और सत्ता सुख के लिए और पैसा कमाने के लिए आते हैं ।
हिन्दुस्थान समाचार / संदीप
/सुनील