शिमला शिव बावड़ी हादसा : एक साल गुजरा, नम आंखों से दी श्रद्धांजली, झलके आंसू

 


शिमला, 14 अगस्त (हि.स.)। राजधानी शिमला के उपनगर समरहिल के शिव बावड़ी में बीते साल आज ही के दिन हुए भूस्खलन ने तबाही मचा दी थी। इस घटना से मंदिर में मौजूद 20 श्रद्धालु मारे गए थे। एक परिवार के पांच सदस्य भी हादसे का शिकार हुए थे।

इस दुखद हादसे की पहली बरसी पर बुधवार को मृतकों के परिजनों के अलावा स्थानीय लोग और स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल हादसे वाली जगह पहुंचे और जान गंवाने वालों को नम आंखों से श्रद्धांजली अर्पित की।

मृतकों के परिजन हादसे को याद कर काफ़ी भावुक हुए और उनकी आंखों में आंसू झलक गए। हादसे में जान गवाने वाले युवक की मां हादसे को याद कर बेहद भावुक हो गयी।

नम आंखों से महिला ने कहा कि यह दर्दनाक हादसा था और अब उन्होंने यहां आना ही छोड़ दिया। घटना के बाद वो पहली बार यहाँ आई है। बेटे की आत्मा को शांति मिले इसके लिए उसकी याद में एक पौधा लगाया है।

स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री धनी राम शांडिल ने कहा कि समरहिल शिव बावड़ी हादसा एक हृदय विदारक घटना थी। इसमें एक पूरा परिवार काल का ग्रास बन गया था और कुल 20 लोगो ने जान गंवाई थी। सरकार आपदा प्रभावित्त परिवारों के साथ मजबूती से खड़ी है और लोगो को हर संभव मदद पहुँचा रही है। इस तरह की घटना भविष्य में न हो इसके लिए सरकार ने नदी नालों के किनारों में निर्माण कार्यों को लेकर भी कुछ मापदंड भी तय किए हैं जिन्हें सख्ती से लागू किया जा रहा है। शिव बावड़ी के आसपास असुरक्षित जगह पर निर्माण में अगर सुधार की आवश्यकता होगी तो उसे जरूर किया जायेगा।

समरहिल के पार्षद वीरेंद्र ठाकुर ने कहा कि 14 अगस्त 2023 का दिन समरहिल वासियों के लिए बहुत बुरा दिन था। 20 लोगो ने एक साथ जान गंवाई थी। पहले लोग यहां से आते जाते थे लेकिन हादसे के बाद से लोगों ने रास्ता बदल दिया है और यहां आना जाना छोड़ दिया है। अभी भी मंदिर के आसपास खतरा है क्योंकि लोगों ने नालों को ब्लाक कर दिया है ऐसे में कभी भी हादसा हो सकता है।

बता दें कि वर्ष 2023 में 14 अगस्त की सुबह ये हादसा हुआ था। उस दिन सावन का आखिरी सोमवार था औऱ श्रद्धालु शिव भगवान के दर्शन के लिए मंदिर पहुंचे थे।अगले दिन भंडारे का आयोजन होना था। मंदिर में श्रद्धालु पूजा अर्चना में व्यस्त थे। इसी बीच एडवांस स्टडी से दरकी पहाड़ी ने पूरा मंदिर तबाह कर दिया। इस आपदा में 20 जिंदगियां खत्म कर दीं। इनमें मासूम बच्चे भी थे। मलबे में दबे 20 लोगों की करुण और कातर पुकार के साथ हादसे की जगह बाहर व्यथित व विचलित अवस्था में खड़े परिजनों की प्रार्थनाएं भी काम नहीं आई। ठीक दस दिन बाद 24 अगस्त को सर्च ऑपरेशन पूरा हुआ।

हिन्दुस्थान समाचार

हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा / सुनील शुक्ला