शिमला के निजी होटल में गोमांस लाने की शिकायत, पुलिस को नहीं मिले तथ्य

 


शिमला, 06 अक्टूबर (हि.स.)। शिमला के संजौली में मस्जिद विवाद के बीच एक निजी होटल में गौमांस (बीफ) लाने का मामला सामने आया है। होटल में काम करने वाले मुस्लिम समुदाय के दो कर्मचारियों पर ये आरोप लगे हैं। होटल में कार्यरत हिन्दू कर्मचारियों को जब इस बात का पता चला, तो उन्होंने इस पर आपत्ति जताई और दोनों के बीच झगड़ा भी है। मामला पुलिस के पास पहुंचा और पुलिस मौके पर पहुंचकर छानबीन में जुट गई। हालांकि पुलिस को तफ्तीश में होटल में बीफ के इस्तेमाल का कोई प्रमाण नहीं मिला है। पुलिस का कहना है कि यहां किसी भी प्रकार का कुछ संदिग्ध नहीं मिला है, लेकिन फिर भी पुलिस द्वारा होटल की रसोई का जरूरी सामान जांच के लिए एफ.एस.एल. भेजा जा रहा है, ताकि वास्तविकता का पता चल सके। इस घटनाक्रम को लेकर सी.सी.टी.वी. भी सामने आई है। इसके अलावा एक अन्य वीडियो में दिख रहा है कि इस घटना के बाद विशेष समुदाय के दो युवकों को गौशाला में ले जाकर गौमाता से माफी मंगवाई जा रही है।

जानकारी के अनुसार राजधानी शिमला के पुराने बस अड्डे के पास स्थित एक निजी होटल में कश्मीर से आए दो समुदाय विशेष के लोगों पर होटल में बीफ लाने व खाने के आरोप लगे हैं। इसकी सी.सी.टी.वी. फुटेज भी सामने आई है, जिसमें एक व्यक्ति लिफाफे लेकर रसोई की तरफ जाता नजर आ रहा है, लेकिन उससे ये बात पुष्ट नहीं हो रही है कि यह बीफ है या कुछ और। इस बीच हिंदू युवाओं को जब इस बात का पता चला तो उन्होंने विरोध जताया, जिसमें उनकी हाथापाई भी हुई।

मामले की गंभीरता को देखते हुए सदर थाना पुलिस ने होटल पहुंच कर तथ्यों की जांच की है और शिकायत के आधार पर छानबीन शुरू कर दी है। पुलिस ने मौके से होटल की किचन के बर्तन और फ्रिज की ट्रे कब्जे में ली, जिसमें दावा किया गया है कि इसमें बीफ रखा गया था।

सदर पुलिस स्टेशन के एस.एच.ओ. धर्म सेन नेगी ने कहा कि जांच में होटल में बीफ को लेकर कोई प्रमाण नहीं मिले हैं और होटल में किसी तरह का गौमांस नहीं पाया गया है। गौमांस को लेकर अफवाह फैलाई जा रही है। होटल के शेफ ने पूछताछ में कहा है कि आचार लाया जाता था, लेकिन पुलिस को मौके पर आचार भी नहीं मिला है। एसएचओ ने बताया कि मामला संज्ञान में आते ही पुलिस होटल पर पहुंची और रसोई के सामान को फोरेंसिक जांच के लिए सोमवार को एफएसल लैब भेजा जाएगा। उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि वह किसी भी प्रकार का भ्रम न फैलाएं और यदि बीफ का मामला है तो जांच में सामने आ जाएगा। उन्होंने कहा कि पुलिस मामले की गहनता से जांच कर रही है और कोई इस तरह की अफवाह फैला कर माहौल को खराब न करें। एसएचओ ने यह भी कहा कि अभी तक इस घटना को लेकर एफआईआर दर्ज नहीं हुई है।

इस बीच पुलिस बीफ की शिकायत मिलने के साथ ही यह भी पड़ताल कर रही है कि शहर में सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने के लिए इस तरह की अफवाह तो नहीं फैलाई गई है।

वहीं इस मामले पर हिंदू जागरण मंच के पूर्व पदाधिकारी कमल गौतम का कहना है कि पुलिस को शिकायत के बाद तथ्य जुटाकर कार्रवाई अमल में लानी चाहिए, क्योंकि यह हिंदुओ की आस्था के साथ खिलवाड़ है। उन्होंने कहा कि पुलिस को मामले की तह तक जाना चाहिए।

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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा