अवारा कुत्तों की समस्या पर शर्मनाक स्थिति, पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने जताई चिंता
शिमला, 04 नवंबर (हि.स.)। पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री शांता कुमार ने देश में बढ़ती अवारा कुत्तों द्वारा काटे जाने की घटनाओं पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि आज के एक समाचार पत्र में प्रकाशित संपादकीय पढ़कर न केवल उन्हें बल्कि देश के करोड़ों नागरिकों को गहरा दुख और शर्मिंदगी महसूस हुई है।
शांता कुमार ने बताया कि संपादकीय के अनुसार वर्ष 2024 में प्रतिदिन औसतन 10,178 लोगों को अवारा कुत्तों ने काटा, जिनमें बड़ी संख्या में बच्चे भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि यह समस्या इतनी भयावह हो चुकी है कि सुप्रीम कोर्ट को स्वयं इसमें हस्तक्षेप करना पड़ा।
पूर्व मुख्यमंत्री ने बताया कि हाल ही में देश के सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को सुप्रीम कोर्ट ने तलब किया और इस समस्या के समाधान में लापरवाही पर कड़ी फटकार लगाई। कई राज्यों के मुख्य सचिवों ने न्यायालय से क्षमा भी मांगी। उन्होंने कहा कि यह सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में पहली बार हुआ जब 30 राज्यों के मुख्य सचिव इस प्रकार एक साथ क्षमायाचना करने को मजबूर हुए।
शांता कुमार ने कहा कि अवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या और उनके हमलों की समस्या सरकार और समाज दोनों के लिए गंभीर चुनौती बन चुकी है। उन्होंने इसे अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि “जब सरकार देश को आवारा कुत्तों के हमलों से नहीं बचा सकती, तो वह जनता की सुरक्षा की गारंटी कैसे देगी?”
उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जहां 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर अवारा कुत्तों के काटने जैसी बुनियादी समस्याओं पर सुप्रीम कोर्ट को दखल देना पड़ रहा है, जो देश के लिए दुःखद और शर्मनाक स्थिति है।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुनील शुक्ला