शांता कुमार ने बद्दी एसपी मामले में उठाए सवाल, ईमानदारी की सजा का लगाया आरोप
पालमपुर, 24 नवंबर (हि.स.)। पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री शांता कुमार ने बद्दी की पुलिस अधीक्षक इल्मा अफरोज के साथ हुई घटनाओं को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने इसे राज्य सरकार की गंभीर विफलता बताते हुए कहा कि एक ईमानदार और साहसी अधिकारी के साथ ऐसा व्यवहार दुर्भाग्यपूर्ण है।
शांता कुमार ने रविवार काे एक बयान में कहा कि सोशल मीडिया पर लगातार चर्चा हो रही है कि इल्मा अफरोज को शिमला बुलाया गया और कुछ कहने के बाद उन्हें सीधा बद्दी भेजा गया, जहां उन्होंने रात के अंधेरे में अपना सामान समेटा और अपने घर चली गईं। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्य की बात है कि इस पूरे मामले पर किसी अखबार ने कोई खबर प्रकाशित नहीं की, जबकि यह मामला हर ओर चर्चा का विषय बना हुआ है।
शांता कुमार ने आरोप लगाया कि इल्मा अफरोज ने एक नेता के परिवार के गलत कार्यों पर सख्त कार्रवाई की थी, जिसके कारण उन्हें जबरन छुट्टी पर भेजा गया। उन्होंने सोशल मीडिया में आई खबरों का हवाला देते हुए कहा कि इल्मा अफरोज एक साधारण परिवार से हैं, जिन्होंने अपनी कड़ी मेहनत और योग्यता के बल पर न केवल भारत में आईपीएस अधिकारी का पद प्राप्त किया, बल्कि विदेशी संस्थानों में भी शिक्षा ग्रहण की।
शांता कुमार ने कहा कि यदि ये खबरें सही हैं तो यह ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा की सजा देने का मामला है। उन्होंने मुख्यमंत्री से अपील की कि यदि किसी नेता ने गलत काम किया है तो सजा उसे मिलनी चाहिए, न कि कर्तव्यपरायण पुलिस अधीक्षक को। उन्होंने इल्मा अफरोज की ईमानदारी और साहस की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे अधिकारियों को प्रोत्साहन मिलना चाहिए।
पूर्व मुख्यमंत्री ने इस मामले को हिमाचल प्रदेश में चर्चा का प्रमुख विषय बताते हुए कहा कि यह घटना व्यवस्था परिवर्तन के सरकार के वादे पर सवाल खड़े करती है। उन्होंने सरकार से अपील की कि वह साहस दिखाए और इस मामले में पारदर्शिता बरते।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुनील शुक्ला