भारत में डेयरी प्रोडेक्ट से हाे सकती किसान की आय दुगनी : शान्ता कुमार
शिमला, 31 अगस्त (हि.स.)। पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री शान्ता कुमार ने कहा है कि भारत के लिए यह बड़े गर्व और सौभाग्य की बात है कि दूध पैदा करने वाले किसानों की एक सहकारी समिति ने पूरी दुनिया में भारत का नाम रोषन किया है। वहीं अमूल संस्था विष्व का सबसे बड़ा मजबूत फुड ब्रांण्ड बना हैं। इसकी दुनिया में कुल बिक्री 72 हजार करोड़ रू0 तक पहुंच चुकी है।
शान्ता कुमार ने शनिवार काे एक बयान में कहा कि इस सहकारी समिति को सरदार पटेल की प्रेरणा से डा0 वर्गीज कुरियन नाम के व्यक्ति ने गुजरात के आनन्द स्थान पर 1950 में शुरू किया था। डा0 वर्गीज ने पूरा जीवन कठिन परिश्रम करके इस समिति को आगे बढ़ाया। डा0 वर्गीज को दूध क्रान्ति के जनक के पद से भी सम्मानित किया गया है। इस सहकारी समिति की विषेशता यह है कि 18565 गांव के 36 लाख दूध पैदा करने वाले किसान इसके सदस्य है। अमूल समिति की गाड़ियां प्रतिदिन इन किसानों से दूध लेती है और उसी समय धन की अदायगी कर दी जाती है। कई केन्द्रों पर दूध इक्कठा होता है और उससे अन्य उत्पाद बनते है। विष्व की अपनी प्रकार की यह पहली किसान सहकारी समिति है जिसके 36 लाख किसान सदस्य है और अमूल कम्पनी का पूरे वर्श का मुनाफा इन 36 लाख किसानों में बांटा जाता है। इस एक सहकारी समिति ने 36 लाख किसानों की गरीबी समाप्त कर दी है।
शान्ता कुमार ने कहा है कि मैं जब मुख्यमंत्री था तो डा0 वर्गीज को शिमला बुलाया। उनसे मिल कर बहुत प्रसन्नता हुई थी। प्रदेश के कुछ अधिकारियों से उनकी बात भी करवाई। हिमाचल प्रदेश में भी इसी प्रकार की सहकारी संस्था बनाने की कोशिश की थी परन्तु सफलता नही मिली।
उन्होंने कहा कि लोक सभा में मैं स्थाई समिति का अध्यक्ष था। समिति ने इस सहकारी समिति को देखने का निर्णय किया। हम गुजरात में अमूल संस्था केन्द्रीय कार्यालय में गये उनके काम को देखा। सारे सदस्य बहुत प्रभावित हुए। परन्तु तब तक डा0 वर्गीज रिटायर हो चुके थे और लगभग 20 किलोमीटर दूर एक गांव में रहते थे। उनके तपस्या पूर्ण काम से हम इतने प्रभावित थे कि उनके दर्षन करना चाहते थे इस लिये उनके घर गये उनसे मिले। मैं तो उनसे दूसरी बार मिला था। उनसे बातचीत करके कमेटी के सभी सदस्यों को बहुत अच्छा लगा था।
शान्ता कुमार ने कहा कि भारत में किसानों की आय दुगनी करने का कई वर्शो से प्रयत्न हो रहा है। भारत डेयरी प्रोडेक्ट का बहुत अधिक निर्यात करता है। उसकी और भी सम्भावना है यदि अमूल की तरह सहकारी समितियां बर्नाइ जाएं तो भारत के किसान की आय दुगनी भी हो सकती है और भारत का निर्यात भी बढ़ सकता है। डा0 वर्गीज कुरियन के प्रति यह सच्ची श्रद्धांजली भी होगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुनील शुक्ला