धर्मशाला में केंद्रीय विश्वविद्यालय के भवन बनाने में हो रहा सौतेला व्यवहार: शान्ता कुमार

 


पालमपुर, 4 जनवरी (हि.स.)। पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री शान्ता कुमार ने कहा कि केवल 30 करोड़ रुपये के कारण धर्मशाला में केन्द्रीय विश्वविद्यालय का परिसर पिछले 14 वर्षों से नहीं बन पा रहा है। इससे बड़ी शर्म की और क्या बात हो सकती है।

शांता कुमार ने गुरुवार को एक बयान जारी कर रहा कि केन्द्र सरकार ने जिन-जिन प्रदेशों में केन्द्रीय विश्वविद्यालय दिये हैं, वहां सभी जगह भवनों का निर्माण हो गया और वहां विश्विद्यालय चल रहे है। उन्होंने कहाकि धर्मशाला में केन्द्रीय विश्वविद्यालय का भवन न बनने की अखबारों में भी बहुत चर्चा हो रही है। कांगड़ा जिले के साथ इस सौतेला व्यवहार से लोग दुखी हैं, परेशान हैं। यह परिस्थिति किसी के लिए भी अच्छी नही है। उन्होंने अनुराग ठाकुर का धन्यवाद दिया जिन्होंने इस संबन्ध में हिमाचल सरकार से 30 करोड़ रुपये देने का आग्रह किया है।

शान्ता कुमार ने कहा कि धर्मशाला हर दृष्टि से इतना उपयुक्त स्थान है कि पढ़ने वाले और पढ़ाने वाले अधिक संख्या में यहां आना चाहते है। धर्मशाला में केन्द्रीय विश्वविद्यालय का परिसर बहुत अधिक सफल होगा। उन्होंने इस सम्बंध में हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खू को पत्र लिखा है। उनसे दूरभाष पर बात भी की है। आज फिर उनसे उन्होंने विशेष आग्रह किया है कि 14 वर्षों से हो रहे हिमाचल के सबसे बड़े जिला कांगड़ा से होने वाले इस अन्याय के जख्मों को और अधिक कुरेदने का मौका न दें। बहुत अधिक देरी पहले हो चुकी है लोगों की सब्र का प्याला भर चुका है। हिमाचल सरकार अतिशीघ्र 30 करोड़ रू0 जमा करवा कर इस अन्याय को समाप्त करें।

हिन्दुस्थान समाचार/सुनील

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