शिमला की भीड़ कम करने के लिए सात दफ्तर किये शिफ्ट किए, दो और दफ्तर विचाराधीन : मुख्यमंत्री सुक्खू

 


शिमला, 04 दिसंबर (हि.स.)। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि शिमला शहर में बढ़ती भीड़ और ट्रैफिक जाम की समस्या को कम करने के लिए सरकार ने कुल सात कार्यालयों को शिमला से बाहर स्थानांतरित किया है। मुख्यमंत्री ने बताया कि शिमला शहर मूल रूप से लगभग 25 हजार की आबादी के लिए बसाया गया था, जबकि आज यदि शहर से लगते क्षेत्रों को भी शामिल किया जाए तो यहां करीब 4 से 5 लाख लोग रहते हैं। ऐसे में हर दिन भारी ट्रैफिक जाम की समस्या से आम जनता का समय बर्बाद होता है और व्यवस्था पर दबाव बढ़ता है।

मुख्यमंत्री सुक्खू ने यह जानकारी गुरूवार को विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान भाजपा विधायक रणधीर शर्मा द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में दी। उन्होंने कहा कि सरकार ने किसी भी विभाग का मुख्य कार्यालय शिमला से बाहर नहीं भेजा है, बल्कि आयोगों और निगमों के कार्यालयों को स्थानांतरित किया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह निर्णय न तो किसी व्यक्ति को लाभ देने के लिए लिया गया है और न ही किसी कर्मचारी को परेशान करने के लिए, इसका उद्देश्य केवल शिमला की भीड़भाड़ कम करना है।

उन्होंने बताया कि अब तक सात कार्यालयों को प्रदेश के विभिन्न जिलों में शिफ्ट किया जा चुका है, हालांकि इनमें से एक मामले पर उच्च न्यायालय में सुनवाई जारी है। उन्होंने कहा कि पिछले समय में करीब एक हजार करोड़ रुपये की लागत से बनाए गए सरकारी भवन खाली पड़े हैं, जिनका उचित उपयोग होना चाहिए। वहीं, शिमला में कई कार्यालय किराए पर चल रहे हैं, जिन पर हर साल करोड़ों रुपये खर्च हो रहे हैं। इसलिए इन खाली भवनों का अधिकतम उपयोग करने के उद्देश्य से यह कदम उठाया गया है।

वर्तमान में शिमला से स्थानांतरित कार्यालयों में हिमाचल प्रदेश भवन एवं निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड का मुख्यालय हमीरपुर, कौशल विकास निगम का मुख्यालय मंडी जिला के सुंदरनगर, प्रधान मुख्य अरण्यपाल वन्य प्राणी विभाग का कार्यालय धर्मशाला, हिमाचल प्रदेश रेरा कार्यालय धर्मशाला, पर्यटन विकास निगम के एमडी का कार्यालय धर्मशाला, राज्य नशा निवारण बोर्ड का कार्यालय हमीरपुर और आर्म्ड पुलिस एंड ट्रेनिंग ऑफिस की ट्रेनिंग शाखा कांगड़ा जिला के डरोह में शिफ्ट की गई है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि हिमाचल प्रदेश अचल भू-संपत्ति विनियामक प्राधिकरण (रेरा) को 13 जून 2025 के आदेश के अनुसार शिमला से धर्मशाला स्थानांतरित किया गया है, लेकिन यह मामला उच्च न्यायालय में लंबित होने की वजह से अभी भी कार्यालय शिमला से ही संचालित हो रहा है।

उन्होंने यह भी जानकारी दी कि राज्य सूचना आयोग को शिमला से धर्मशाला शिफ्ट करने का प्रस्ताव विचाराधीन है। इसके अतिरिक्त राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को ऊना स्थानांतरित करने का प्रस्ताव भी चर्चा में है। अन्य प्राप्त प्रस्तावों का भी गुण-दोष के आधार पर अध्ययन किया जा रहा है, जिसके बाद निर्णय लिया जाएगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा