समेज आपदा में समाजसेवा के लिए बढ़े हाथ, एंबुलेेस की सेवा दे रही नोफल संस्था

 


शिमला, 10 अगस्त (हि.स.)। रामपुर क्षेत्र के तहत झाकड़ी से सटे समेज गांव में हुई दर्दनाक त्रासदी अपनी पीछे ऐसे जख्म छोड़ गई है, जो कभी नहीं भर सकते हैं। इस कुदरती आपदा में परिवार के परिवार उजड़ गए हैं। बचाव दलों ने 15 शव बरामद कर लिए हैं, वहीं 21 लोग अभी भी लापता है, जिनकी पिछले 10 दिनों से तलाश जारी है। लोग पथराई आंखों से परिजनों को खोज रहे हैं।

इस आपदा में स्वयंसेवी संस्था नोफल एक उम्मीद जिला प्रशासन के साथ मिलकर अपनी एंबुलेंस की सेवाएं सुन्नी व ततापानी में दे रही है। संस्था के एंबुलेंस चालक देवेंद्र सुन्नी से आईजीएमसी शवों को लाने में जिला प्रशासन की हर संभव मदद कर रहे हैं।

नोफल एक उम्मीद संस्था के संचालक सरदार गुरमीत सिंह का कहना है कि उनकी संस्था समेज आपदा के प्रभावितों के साथ खड़ी है और प्रदेश सरकार व जिला प्रशासन को हर संभव मदद के लिए तैयार है। उन्होंने बताया कि संस्था द्वारा कई जनकल्याणकारी कार्य किए जा रहे हैं। इनमें कैंसर मरीजों व तीमारदारों के लिए लंगर व दूध, गरीब बच्चों की शिक्षा का खर्च उठाना, गरीब महिलाओं को सिलाई मशीन प्रदान करना और बेघरों को आसरा देना शामिल हैं।

31 जुलाई की रात्रि बाढ़ ने तबाह किया समेज गांव, 36 लोग हुए थे लापता

कुल्लू जिला के निरमंड उपमण्डल में श्रीखंड की पहाड़ी पर 31 जुलाई की रात्रि बादल फटने के बाद शिमला जिला के रामपुर क्षेत्र के समेज में भारी तबाही मचा दी थी। सैलाब कई घरों, डिस्पेंसरी व अस्पताल को बहा ले गया था। इस हादसे में 36 लोग लापता हुए हैं। बचाव दलों ने अब तक 15 शव बरामद किए हैं, वहीं 21 की तलाश जारी है। ज्यादातर शव समेज से कई किलोमीटर दूर सुन्नी डैम से बरामद हो रहे हैं। बचाव टीमें बीते पहली अगस्त की सुबह से लोगों की तलाश में जुटी हैं। प्रदेश सरकार ने प्रभावित परिवार को 50 हजार रूपये की राहत राशि और किराए पर आवासीय सुविधा के लिए पांच हजार रूपये देने की घोषणा की है।

हिन्दुस्थान समाचार

हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा / सुनील शुक्ला