प्रिंसिपल पदोन्नति सूची जारी करे शिक्षा विभाग, डीपीसी के बाद सूची जारी न होने से पनपा रोष
हमीरपुर, 27 दिसंबर (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश में करीब दो साल प्रतीक्षा के बाद प्रिंसिपल प्रमोशन हेतु डीपीसी आयोजित हुई थी। पिछले सप्ताह इस बारे में करीब 507 हेडमास्टर और 263 प्रवक्ता के दस्तावेज सही पाए जाने पर उनको प्रिंसिपल प्रमोशन देने का रास्ता साफ हो गया था मगर पसंदीदा स्टेशन के लिए बहुत सारे यू ओ नोट आने में बाद स्टेशन लगाने में और समय लग रहा है। इसके बाद अब सत्र के अंत तक इस सूची को होल्ड किए जाने की भी अटकलें लग रही हैं। अगर ऐसा हुआ तो अनेकों हेडमास्टर और प्रवक्ता बिना पदोन्नति ही रिटायर हो जाएंगे।
डीपीसी के बाद भी अगर शिक्षकों को बिना पदोन्नति ही रिटायर होना पड़े तो यह अन्याय होगा। ऐसे ने अविलंब यह पर प्रमोशन सूची जारी करने हेतु मुख्यमंत्री और शिक्षामंत्री हस्तक्षेप करें। यह मांग राजकीय प्रशिक्षित कला स्नातक संघ ने प्रदेश सरकार और शिक्षा सचिव से की है।
संघ के प्रदेशाध्यक्ष सुरेश कौशल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष विजय बरवाल, महिला विंग अध्यक्ष रीता बाल्याणी, प्रदेश महासचिव विजय हीर, जोन उपाध्यक्ष खुशहाल पठानिया, देश राज कालिया, रोशन लाल, विजेश अत्री, कैशियर सुभाष भारती, संयुक्त सचिव रामपाल सौंखला, जिलाध्यक्ष संजय वर्मा, नरेंद्र पूनर, कुलवीर सिंह, राकेश चौधरी, यशवंत ठाकुर, कपिल शंकवान, सुरेश वर्मा, अजीत सिंह, अमित छाबड़ा, महासचिव अजय कुमार, दिनेश कुमार, सुरेश कौंडल, पवन शर्मा, नवांग छेरिंग, सुभाष चंद, दिनेश, ज्ञान चंद आदि ने कहा कि पहले लोक सेवा आयोग ने नई नई आपत्तियां लगाकर ये फाइल लंबे अरसे तक लटकाई और फिर कार्मिक विभाग ने इसको रोक दिया। प्रदेश मंत्रिमंडल ने जब इस डीपीसी को करने का जिम्मा शिक्षा विभाग को सौंपा तो यह डीपीसी एक माह में हो गई मगर अब इसे अविलंब जारी किया जाना चाहिए। प्रदेश में प्रिंसिपल के 900 पद रिक्त हैं और उनके बिना काम चलाना क्लस्टर सिस्टम में जटिल साबित हो रहा है। अब अगर हेडमास्टर प्रमोट हो गए तो अप्रैल तक उनके पद भी प्रमोशन से भरते हुए शिक्षा व्यवस्था सुचारू रूप से चल सकती है। इस समय पाठ्यक्रम पढ़ाकर समाप्त हो चुका है और ऐसे में प्रवक्ताओं की पदोन्नति करने से कोई दिक्कत नहीं आएगी। शीतकालीन अवकाश वाले स्कूलों में अब सत्र समाप्त हो रहा है।
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हिन्दुस्थान समाचार / विशाल राणा