शिमला में हुई झमाझम बारिश, तीन दिन के लिए येलो अलर्ट

 


शिमला, 16 जुलाई (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश में कमजोर पड़ा मानसून रफ्तार पकड़ रहा है। राज्य के अधिकांश हिस्सों में मंगलवार को झमाझम बारिश हुई। राजधानी शिमला में बीते कुछ दिनों से बादल तो छाए रहते थे, लेकिन बारिश की एक बूंद नहीं गिरती थी। जिसकी वजह से तापमान में भी इजाफा हो गया था और उमस भी बढ़ गई थी। मंगलवार बाद दोपहर शिमला में मौसम ने यूटर्न लिया और झमाझम बारिश हुई। शिमला से सटे इलाकों में भी जमकर बादल बरसे। इसके बाद पूरे शिमला का मौसम खुशगवार हो गया है। शिमला शहर में करीब चार-पांच दिनों बाद बारिश हुई है।

मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में भी शिमला सहित अन्य जिलों में गरज-चमक के साथ वर्षा की आशंका जताई है। 18, 19 व 20 जुलाई को मेघ गर्जन व बज्रपात के साथ भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। इस दौरान लाहौल-स्पीति और किन्नौर को छोड़कर अन्य 10 जिलों में व्यापक वर्षा की आशंका जताई गई है। 21 व 22 जुलाई को भी पूरे प्रदेश में मौसम के खराब बने रहने के आसार हैं। भारी बारिश की आशंका के मददेनजर लोगों व बाहरी राज्यों से आने वाले सैलानियों को भूस्खलन संभावित इलाकों की यात्रा न करने की सलाह दी गई है। साथ ही नदी-नालों के समीप भी न जाने की हिदायत दी गई है।

बीते 24 घंटों के दौरान बिलासपुर जिला के नैना देवी में सर्वाधिक 34 मिली वर्षा रिकार्ड हुई है। इसके अलावा रामपुर बुशहर में 7, जोगेंद्रनगर में 5, मशोबरा, निचार व बैजनाथ में दो-दो मिलीमीटर वर्षा रिकार्ड हुई है। राज्य में मानसून ने 27 जून को दस्तक दी थी। शुरूआत में मानसून की जमकर वर्षा हुई थी। लेकिन पिछले करीब 10 दिनों से मानसून की चाल धीमी पड़ गई है। मौसम विभाग के अनुसार राज्य में अब तक मानसून की सामान्य से 25 फीसदी कम वर्षा हुई है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार मानसून सीजन में सरकारी विभागों को अब तक 183 करोड़ का नुकसान आंका गया है। इसमें सबसे ज्यादा 112 करोड का नुकसान लोकनिर्माण विभाग को पहुंचा है। मानसून के दौरान वर्षा से जुड़े विभिन्न हादसों में 29 लोगों की जान गई है। इसमें 11 लोगों की बहने और 10 लोगों की उंचाई से गिरने से मौत हुई है।

हिन्दुस्थान समाचार

हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा / सुनील शुक्ला