हिमाचल के स्कूलों में विद्यार्थियों को मोबाइल फोन पर लगेगा प्रतिबंध : सुक्खू
शिमला, 13 दिसंबर (हि.स.)। मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने कहा है कि आगामी शैक्षणिक सत्र से हिमाचल प्रदेश में प्री-नर्सरी से 12वीं कक्षा तक के विद्यार्थियों के लिए स्कूल परिसर में मोबाइल फोन ले जाने पर पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह निर्णय बच्चों को पढ़ाई से जोड़ने और अनुशासित शैक्षणिक वातावरण तैयार करने के उद्देश्य से लिया गया है। शिक्षक अपने मोबाइल फोन स्टाफ रूम या बैग में रख सकेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार का लक्ष्य हिमाचल को शिक्षा के क्षेत्र में देश का नंबर-वन राज्य बनाना है।
मुख्यमंत्री शनिवार को समग्र शिक्षा निदेशालय में आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे, जहां उन्होंने विद्या समीक्षा केंद्र, शिक्षा दीर्घा, कार्यक्रम प्रबंधन स्टूडियो, दृश्य सम्मेलन क्षेत्र, नए सम्मेलन कक्ष और आधुनिक केंद्रीय ताप व्यवस्था का लोकार्पण किया। उन्होंने कहा कि ये अत्याधुनिक सुविधाएं प्रशासनिक और शैक्षणिक कार्यप्रणाली को अधिक मजबूत बनाएंगी और हिमाचल में डिजिटल शिक्षा प्रबंधन के एक नए दौर की शुरुआत करेंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले तीन वर्षों में प्रदेश सरकार ने शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है और कई अहम सुधार लागू किए हैं। इसके सकारात्मक नतीजे सामने आए हैं। राष्ट्रीय स्तर पर शिक्षा की गुणवत्ता के आकलन में हिमाचल प्रदेश ने 21वें स्थान से छलांग लगाकर पांचवां स्थान हासिल किया है। उन्होंने इसे शिक्षकों, विद्यार्थियों, अभिभावकों और सरकार की सामूहिक मेहनत का परिणाम बताया।
उन्होंने कहा कि विद्या समीक्षा केंद्र के माध्यम से अब शिक्षण, मूल्यांकन, उपस्थिति, संसाधन प्रबंधन और स्कूल संचालन से जुड़ा वास्तविक समय का डेटा एकीकृत डिजिटल मंच पर उपलब्ध होगा। ‘अभ्यास हिमाचल’, भू-स्थानिक तकनीक पर आधारित स्मार्ट उपस्थिति प्रणाली और ‘निपुण प्रगति’ जैसे प्रयासों से विद्यार्थियों के सीखने के स्तर का वैज्ञानिक विश्लेषण संभव हो पाया है। इससे शिक्षा व्यवस्था अधिक पारदर्शी, उत्तरदायी और परिणाम आधारित बन रही है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि ‘शिक्षक सहायक’ डिजिटल टूल से शिक्षकों को शिक्षण सामग्री और दिशा-निर्देश आसानी से मिल रहे हैं, जिससे पढ़ाने की गुणवत्ता बेहतर हुई है और प्रशासनिक बोझ भी कम हुआ है। उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता नए संस्थान खोलने के साथ-साथ मौजूदा स्कूलों को आधुनिक और सक्षम बनाना है, ताकि दूरदराज और ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों को भी समान गुणवत्ता की शिक्षा मिल सके।
सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार विद्यार्थियों में 21वीं सदी के कौशल विकसित करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। पाठ्यक्रम में संगीत, संस्कृति और भविष्य से जुड़े विषयों को भी शामिल किया जाएगा। शिक्षा विभाग में बड़े स्तर पर अस्थायी और स्थायी भर्तियां की जाएंगी। अस्थायी भर्तियां पांच साल के लिए होंगी, जबकि स्थायी भर्तियां बैचवाइज और प्रतिस्पर्धा के आधार पर की जाएंगी। मल्टी यूटिलिटी वर्करों की भर्ती भी की जाएगी। आगामी शैक्षणिक सत्र से प्राथमिक विद्यालयों में खेल प्रतियोगिताएं शुरू होंगी।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2032 तक प्रदेश के हर विधानसभा क्षेत्र में देश के बेहतरीन स्कूल होंगे और हिमाचल शिक्षा के क्षेत्र में शीर्ष स्थान हासिल करेगा।
मुख्यमंत्री ने शिक्षा विभाग में बेहतर तबादला नीति लाने की बात भी कही। राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूलों और सीबीएसई पाठ्यक्रम वाले स्कूलों के लिए विशेष कैडर बनाने की घोषणा की गई। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने ‘संकल्प वर्कबुक’ का विमोचन भी किया।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा