धरातल पर रंग ला रहा दूध खरीद मूल्य में बढ़ौतरी का प्रदेश सरकार का निर्णय

 

मंडी, 26 सितंबर (हि.स.)। ग्रामीण स्तर पर कृषि तथा दुग्ध उत्पादन पर आधारित आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था के निर्माण की प्रदेश सरकार की परिकल्पना अब मूर्तरूप लेने लगी है। दूध के खरीद मूल्य में बढ़ोतरी के सरकार के निर्णय का ही सुपरिणाम है कि मंडी जिला में गत वर्ष की तुलना में राज्य दुग्ध प्रसंघ के तहत दुग्ध प्रापण में लगभग दोगुनी वृद्धि हुई है। हिमाचल प्रदेश दुग्ध प्रसंघ की चक्कर इकाई में दुग्ध उत्पादकों से दूध प्रापण में इस वर्ष रिकॉर्ड वृद्धि दर्ज की गई है। वित्त वर्ष 2023-24 में जहां इकाई ने विभिन्न दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों के माध्यम से जुलाई माह में 10,25,487 किलो दूध प्राप्त किया, वहीं वित्त वर्ष 2024-25 के जुलाई माह में यह 20,79,678 किलो दर्ज किया गया। इसी वर्ष के अगस्त माह में दुग्ध प्रापण का आंकड़ा 21,56,935 किलो रहा। विशेष बात यह कि सितंबर माह में इकाई ने रिकॉर्ड 91 हजार किलो दूध एक ही दिन में प्राप्त किया। चक्कर इकाई के लिए यह एक दिन में दूध खरीद का सर्वकालिक श्रेष्ठ आंकड़ा है।

प्रदेश सरकार द्वारा गत अप्रैल माह से दूध के न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ौतरी की गई है। इसके तहत गाय के दूध का समर्थन मूल्य बढ़ाकर 45 रुपए प्रति लीटर तथा भैंस के दूध का मूल्य बढ़ाकर 55 रुपए प्रति लीटर किया गया है। प्रदेश के इतिहास में पहली बार दूध खरीद के लिए समर्थन मूल्य घोषित किया गया है। सरकार के इन फैसलों का ही नतीजा है कि दुग्ध उत्पादन की ओर लोगों का रुझान फिर से बढ़ा है और बड़ी संख्या में वे दुग्ध प्रसंघ के माध्यम से दूध की बिक्री के लिए आगे आ रहे हैं।

दूध खरीद मूल्यों में बढ़ौतरी का लाभ मिल्क फैड की चक्कर इकाई से जुड़े लगभग 16 हजार से अधिक दुग्ध उत्पादकों को भी प्राप्त हुआ है। चक्कर इकाई के तहत वर्तमान में 216 दुग्ध सहकारी समितियां जुड़ी हुई हैं। प्रापण केंद्रों के माध्यम से इन समितियों से दूध प्राप्त कर चक्कर संयंत्र में लाया जाता है। सरकार के इस निर्णय से चक्कर इकाई तहत लगभग 16 हजार दुग्ध उत्पादकों को लगभग ढाई से तीन करोड़ रुपए मासिक अतिरिक्त आय सुनिश्चित हुई है।

बल्ह क्षेत्र की भडयाल पंचायत की सावित्री देवी का कहना है कि दूध के खरीद मूल्य में बढ़ोतरी से उनकी आर्थिकी में सुधार आया है। इससे परिवार के खर्चे पूरा करना आसान हुआ है। भडयाल की ही सुनीता वालिया, मीना व पूजा वालिया ने इस निर्णय की सराहना करते हुए प्रदेश सरकार और विशेषतौर पर मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू का आभार व्यक्ति किया है। कांढी तारापुर की वंदना व मनोरमा, द्रंग क्षेत्र के कुन्नू से सेवक राम तथा तुंगल क्षेत्र के भरगांव की निशा व लता देवी ने भी इसके लिए सरकार का आभार व्यक्त किया है।

उपायुक्त अपूर्व देवगन ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा कृषि, बागवानी, पशुपालन, मछली पालन एवं सहायक क्षेत्रों में एकीकृत विकास से किसान परिवारों की आय में निश्चित वृद्धि की पहल की गई है। मंडी जिला में सरकार की ओर से लिए गए जन कल्याणकारी निर्णयों व इससे होने वाले लाभ पात्र लोगों तक समय पर पहुंचाना सुनिश्चित किया जा रहा है।

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हिन्दुस्थान समाचार / मुरारी शर्मा