शानन परियोजना क्षेत्र में सड़कों की बदहाली को लेकर किया प्रदर्शन, पंजाब बिजली बोर्ड प्रबंधन को सौंपा ज्ञापन

 

मंडी, 04 अक्टूबर (हि.स.)। हिमाचल की धरती पर जिले के जोगिंदरनगर व बरोट में चल रहे पंजाब बिजली बोर्ड की शानन परियोजना की बदहाली पर लोग अब लामबंद होने लगे हैं। गौरतलब है कि इस परियोजना की 99 साल की लीज खत्म हो जाने के बाद इसी साल प्रदेश सरकार ने इसे अपने अधीन लेने के लिए मामला केंद्र सरकार व पंजाब सरकार के समक्ष उठा रखा है। 110 मेगावाट की यह परियोजना 1925 में तैयार हुई थी जो अभी तक राजा मंडी के साथ उस वक्त हुए समझौते के तहत 99 साल की लीज पर पंजाब राज्य बिजली बोर्ड के पास है।

इस परियोजना क्षेत्र के चारों ओर नगर परिषद जोगिंदरनगर, नेरघरवासड़ा जिला परिषद वार्ड व हार गुनेन पंचायत के दर्जनों गांव हैं जिनका आना जाना व रोजमर्रा की गतिविधियां परियोजना क्षेत्र के रास्तों, सड़कों व अन्य संसाधनों से जुड़ी हुई हैं। कई बसें इन सड़कों से होकर गांव को जाने वाले रूटों पर चलती हैं।

शुक्रवार को जिला परिषद सदस्य विजय कुमार की अगुवाई में दर्जनों युवाओं व स्थानीय लोगों ने परियोजना स्थल पर प्रदर्शन किया तथा मौके पर मौजूद अधिशाषी अभियंता मैकेनिकल मंजीत सिंह के माध्यम से अधीक्षक अभियंता शानन पावर हाउस को एक ज्ञापन सौंपा। इसकी प्रति पंजाब के मुख्यमंत्री को भी भेजी गई है।

ज्ञापन में कहा गया कि पूरी परियोजना बदहाली की हालत में हैं। सड़क पूरी तरह से टूटी हुई हैं, भवन जरजर हो चुके हैं, पावर हाउस का भवन भी खस्ताहाली में हैं। इस परियोजना से रोजाना करोड़ों रूपए की आमदनी पंजाब बिजली बोर्ड को हो रही है मगर स्थानीय लोगों के आने जाने वाली सड़कें, रास्ते व अन्य संसाधन बुरी हालत में है। बार बार याद दिलाने व ज्ञापन देने पर केवल आश्वासन ही मिल रहे हैं। पहले बताया गया था कि मरम्मत कार्यों के लिए पैसा आ चुका है मगर अब बताया जा रहा है कि कम पैसा आया है केवल आधा अधूरा ही काम होगा।

विजय कुमार ने बताया कि मौके पर स्थानीय इंजीनियर व अधीक्षक अभियंता तो मिले नहीं मगर अधिशाषी अभियंता को ज्ञापन दिया गया जिसमें उन्होंने बताया कि इस काम के टैंडर लगा दिए गए हैं और जल्द ही मरम्मत कार्य शुरू होगा। इस मौके पर जिला परिषद सदस्य विजय कुमार व उनके साथ आए युवाओं ने प्रबंधन को दस दिन का अल्टीमेटम देते हुए कहा कि यदि इस दौरान सड़कों, रास्तों व भवनों का मरम्मत कार्य शुरू नहीं हुआ तो बड़े स्तर पर धरना प्रदर्शन व आंदोलन किया जाएगा जिसकी सारी जिम्मेवारी बोर्ड प्रबंधन की होगी।

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हिन्दुस्थान समाचार / मुरारी शर्मा