हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन से 142 सड़कें बंद, चार दिन भारी बारिश का अलर्ट
शिमला, 14 अगस्त (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश में पिछले दो दिन से मानसून के मंद रहने से भारी वर्षा में कमी आई है। इससे लोगों ने राहत की सांस ली है। हालांकि भूस्खलन से अभी भी 142 सड़कें अवरूद्व रहने से परिवहन व्यवस्था चरमराई हुई है। इसके अलावा कई जगह बिजली ट्रांसफार्मर और पेयजल स्कीमें ठप पड़ने से बिजली व पेयजल आपूर्ति भी प्रभावित हुई है।
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने अगले छह दिन मौसम के खराब रहने की संभावना जताई है। राज्य के अधिकांश हिस्सों में आगामी 18 अगस्त तक भारी वर्षा का येलो अलर्ट जारी किया गया है। सिरमौर जिला व इससे सटे क्षेत्रों में कल यानी 15 अगस्त तक बाढ़ आने का खतरा जताया है और लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है। लोगों को भूस्खलन संभावित क्षेत्रों और नदी-नालों के समीप न जाने की हिदायत दी गई है। बीते 24 घंटों के दौरान कांगड़ा जिला के मुख्यालय धर्मशाला में सर्वाधिक 40 मिलीमीटर वर्षा रिकार्ड की गई। इसके अलावा कांगड़ा में 35 मिलीमीटर, नारकंडा में 23 मिलीमीटर, बह्रामणी में 19, सुजानपुर टीहरा में 16, भराड़ी में 15 व रामपुर में 11 मिलीमीटर वर्षा हुई।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के मुताबिक बुधवार की सुबह तक प्रदेश भर में दो नेशनल हाईवे व 142 सड़कें बंद हैं। इसके अलावा 209 बिजली ट्रांसफार्मर व 47 पेयजल परियोजनाएं भी ठप हैं। शिमला जिला में सबसे ज्यादा 73 सड़कें अवरूद्व हैं। मंडी में 22, कुल्लू में 20, सिरमौर में 14, कांगड़ा में पांच, लाहौल-स्पीति व किन्नौर में तीन-तीन और चंबा में दो सड़कों पर आवाजाही ठप है।
भूस्खलन के कारण सिरमौर में एनएच-707 और कुल्लू में एनएच-305 भी बाधित है। मंडी जिला में भारी वर्षा से 117 बिजली ट्रांसफार्मर बंद पड़े हैं। इसी तरह सिरमौर में 40, लाहौल-स्पीति में 31, कुल्लू में सात, उना व चंबा में तीन-तीन, कागड़ा में एक ट्रांसफार्मर के खराब रहने से बिजली गुल है। शिमला में 21, कुल्लू में 18, बिलासपुर में छह, सिरमौर व उना में एक-एक पेयजल स्कीम बंद है।
हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा / मुकुंद