कुलपति प्रो. बंसल भारतीय विवि संघ के गवर्निंग काउंसिल के सदस्य चयनित

 












धर्मशाला, 04 जुलाई (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सत प्रकाश बंसल को भारतीय विश्वविद्यालय संघ की ओर से दो वर्षों के लिए गवर्निंग काउंसिल (शासकीय परिषद्) के सदस्य के रूप में चुना गया है। गौर हो कि देश भर में भारतीय विश्वविद्यालय संघ के पांच जोन हैं जिसमें प्रो. बंसल उत्तरी क्षेत्र (नॉर्थ जोन) के वरिष्ठत कुलपति के रूप में अपनी प्रशासकीय दक्षता और दूरदर्शिता के लिए जाने जाते हैं। इस आधार पर भारतीय विश्वविद्यालय संघ की गवर्निंग काउंसिल (शासकीय परिषद्) में दो वर्ष की नियुक्ति का दायित्व इन्हें सौंपा गया है।

कुलपति के रूप में इनका वृहद् अनुभव तथा शिक्षा जगत में राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर अभूतपूर्व योगदान सर्वोपरि रहा है। शिक्षा जगत में इस प्रकार की सम्मानीय परिषद् में इनका चयन हिमाचल प्रदेश के लिए ही नहीं अपितु उत्तर क्षेत्र के लिए गौरव का विषय है।

प्रो. सत प्रकाश बंसल ने इससे पहले हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय, हमीरपुर, इंदिरा गांधी राज्य विश्वविद्यालय, रेवाड़ी के पूर्व कुलपति तथा भगत फूल सिंह महिला विश्वविद्यालय, खानपुर कलां, सोनीपत और महाराजा अग्रसेन विश्वविद्यालय, सोलन, हिमाचल प्रदेश के पूर्वसंस्थापक कुलपति के रूप में प्रशासक की भूमिका का निर्वहन किया है।

इन प्रमुख दायित्वों के अतिरिक्त प्रो. बंसल एआईयू (एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज) के गवर्निंग काउंसिल सदस्य, अध्यक्ष ऑल इंडिया बोर्ड ऑफ टूरिज्म एंड हॉस्पिटैलिटी मैनेजमेंट, पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ में चांसलर (उपाध्यक्ष) नामित हिमाचल प्रदेश के राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के गवर्निंग काउंसिल सदस्य, भारतीय पर्यटन और यात्रा प्रबंधन संस्थान (आईआईटीटीएम) के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स, आईआईएम अमृतसर और एलएनआईपीई, ग्वालियर के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के विजिटर (अध्यक्ष) नामित हैं।

प्रो. बंसल राष्ट्रीय महत्व के प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों के बिभिन्न शैक्षणिक और प्रशासनिक निकायों के सदस्य भी हैं। इन्हें अकादमिक जगत में ''इंस्टीट्यूशनल बिल्डर'' के रूप में जाना जाता है। इसी का प्रतिफल है कि शिक्षा मंत्रालय के विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, भारत सरकार द्वारा गठित एनईपी-2020 कार्यान्वयन समितियों/उप-समितियों के विशेषज्ञ सदस्य होने के नाते देश के विभिन्न भागों में एनईपी-2020 की विभिन्न सिफारिशों को लागू करने में इन्होंने अग्रणी भूमिका निभाई है। देश के विभिन्न शीर्ष स्तर के शैक्षणिक निकायों से सम्बद्ध इनका अनुभव और निर्देशन जैसे-एमओई, यूजीसी, नैक, एआईसीटीई, एनसीईआरटी, एआईयू और एमओटी में एक विशेषज्ञ सदस्य के रूप तथा लगभग हर निर्णय लेने की प्रक्रिया में शामिल रहा है।

प्रो. सत प्रकाश बंसल विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय पत्रिकाओं के मुख्य सम्पादक और सम्पादक भी हैं। इनके द्वारा राष्ट्रीय महत्व की 11 शोध परियोजनाएं सम्पूर्ण हुई हैं और 30 से अधिक पुस्तकें भी प्रकाशित हो चुकी हैं। श्रेष्ठ अकादमिक और अनुसंधान कार्यों के साथ-साथ विदेशी शैक्षिक संस्थानों/विश्वविद्यालयों के साथ समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर करके अकादमिक सहयोग में प्रवेश करने के लिए 30 से अधिक देशों का भ्रमण करके इन्होंने देश का नेतृत्व किया है।

शिक्षा जगत में प्रो. बंसल के मार्गदर्शन में 25 पीएचडी. शोधर्थियों ने अपनी उपाधि सम्पूर्ण की है। शिक्षा के क्षेत्र में इनके उल्लेखनीय योगदान को विभिन्न प्रतिष्ठित पुरस्कारों के माध्यम से अलंकृत किया गया है, जिसमें हिमाचल प्रदेश वाणिज्य एवं प्रबंधन संघ द्वारा प्रबंधन उत्कृष्टता में लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड-2013, फिलीपींस विश्वविद्यालय, मनीला के लिसेयुम द्वारा पर्यटन शिक्षा उत्कृष्टता में लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड-2015, हिमोत्कर्ष परिषद्, हिमाचल प्रदेश द्वारा सर्वश्रेष्ठ शिक्षाविद् पुरस्कार -2020, मोस्ट आइकॉनिक वाइस चांसलर अवार्ड-2021, ग्लोबल चैंबर ऑफ कंज्यूमर राइट्स द्वारा उत्कृष्ट अकादमिक नेताओं के लिए वैश्विक उत्कृष्टता पुरस्कार-2021 और बीएचयू, वाराणसी द्वारा मालवीय प्रज्ञा सम्मान-2022 शामिल हैं। उधर उनके इस चयन से केंद्रीय विश्वविद्यालय का शिक्षक और छात्र वर्ग हर्षित और उल्लसित है।

हिन्दुस्थान समाचार/सतेंद्र/सुनील