टीबी मुक्त भारत अभियान में एसएचजी निभाएंगे अहम भूमिका : डॉ राजेश गुलेरी
धर्मशाला, 14 जून (हि.स.)। टीबी मुक्त हिमाचल अभियान के तहत शुक्रवार को एक कार्यशाला का आयोजन जोनल हॉस्पिटल धर्मशाला में हुआ। बैठक की अध्यक्षता मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ राजेश गुलेरी ने की।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ गुलेरी ने बताया कि क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम में समाज के हर वर्ग की सक्रिय भागीदारी की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2025 तक देश से क्षय रोग उन्मूलन का लक्ष्य रखा गया है। इसकी प्राप्ति के लिए समाज के हर एक वर्ग को मिलकर कार्य करना होगा। टीबी मुक्त अभियान जिसमें प्रचार और प्रसार की महत्वपूर्ण भूमिका है। इस जन जागरण अभियान का उद्देश्य लोगों में टीबी रोग के प्रति गलत अवधारणाओं व भ्रांतियां को खत्म करना है। उन्होंने कहा कि क्षय रोग एक श्वास संबंधी संक्रमण है। आज के इस उन्नत समाज में भी इतनी भ्रान्तियां और ग़लतफ़हमियां फैली हुई हैं। समाज को इन भ्रांतियों को मुक्त करने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि टी.बी. फैलने के बारे में बुनियादी तथ्यों की जानकारी नहीं होने के कारण, कलंकित मानसिकता और भेदभाव को ईंधन मिल रहा है। इस रोग का खात्मा तभी होगा जब समाज में कलंक और भेदभाव की अवधारणाएं खत्म होगी। उन्होंने कहा कि जन जागरण अभियानों के माध्यम से इन रोगों के प्रति फैली भ्रांतियों को रोका जा सकता है।
उन्होंने कहा कि टीबी मुक्त पंचायत अभियान के अंतर्गत जिला कांगड़ा की 814 पंचायतों में से 165 ग्राम पंचायत टीबी फ्री ग्राम पंचायत में निर्धारित मानकों की वेरिफिकेशन के बाद टीबी मुक्त पाई गई है। भविष्य में जल्दी ही इन सभी ग्राम पंचायत को सम्मानित किया जाएगा।
डॉ राजेश सूद जिला, क्षय रोग अधिकारी ने चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि 2025 तक भारत को टीबी मुक्त राष्ट बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश टीबी मुक्त भारत अभियान में अग्रिम भूमिका निभा रहा है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा अब सामुदायिक स्तर पर क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम चलाकर जनभागीदारी बढ़ाने का फैसला किया है। उन्होंने कहा की टीबी रोग की समय पर जांच टीबी के रोग को फैलने से बचाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि टीबी लाइलाज बीमारी नहीं है इसका इलाज संभव है। लक्षण दिखने पर मरीज को तुरंत अपनी जांच करवानी चाहिए।
डॉ तरुण सूद, जिला कार्यक्रम अधिकारी ने चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि स्वास्थ्य विभाग की पहल पर जिला कांगड़ा में ‘निक्षय मित्र’ कार्यक्रम के जरिए टीबी को खत्म का कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत निक्षय मित्र बनने वाले मरीजों को पोषण, डायग्नोस्टिक और रोजगार के स्तर पर मदद की जा रही है। निक्षय मित्र अभियान के साथ कॉरपोरेट्स, जनप्रतिनिधि, सभी राजनीतिक दल, गैरसरकारी संगठन, सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम और आम देशवासी भी जुड़ कर टीबी मरीजों की देखभाल और उनकी मदद कर सकते हैं।
उन्होंने सभागार में उपस्थित सभी प्रतिभागियों से अनुरोध किया कि वह निश्चय मित्र बनकर अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ राजेश सूद ने बताया कि जिला कांगड़ा में क्षय रोग (टीबी) को हराने के लिए टीबी चैंपियन बनाए गए है l टीबी चैंपियन ऐसे लोग हैं, जिन्होंने स्वयं टीबी रोग को मात दी है। वे उपचाराधीन टीबी के मरीजों का मनोबल बढ़ाकर टीबी से लड़ने में मदद कर रहे है।
उन्होंने ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में अब टीबी रोग को खत्म करने के लिए टीबी उन्मूलन कार्यक्रम को जीपीडीपी (ग्राम पंचायत विकास योजना) के साथ जोड़ा गया है। इसके जरिए पंचायतों में टीबी उन्मूलन कार्यक्रम को मुख्यधारा में लाया गया है साथ ही पंचायतों में टीबी से स्वस्थ हो चुके लोगों को मनरेगा के तहत जॉब कार्ड बनवाने, उन्हें काम दिलवाने, टीबी रोगियों को पोषक तत्व मुहैया करवाने का काम काम सौंपा गया है। उन्होंने सभी प्रतिभागियों से अनुरोध किया कि वह ग्राम स्तर कि बैठकों में इस रोग के बारे खुलकर चर्चा करें ताकि समाज में फैली टीवी रोग के प्रति भ्रांतियां को तोड़ा जा सके।
सभागार में उपस्थित सभी प्रतिभागियों ने अपने विचार सांझा किये और सब ने शपथ ली कि वह टीबी मुक्त समाज बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेंगे।
हिन्दुस्थान समाचार/सतेंद्र/उज्जवल