आपदा प्रबंधन : कांगड़ा जिला काे मिला पहला पुरस्कार
धर्मशाला, 15 अक्टूबर (हि.स.)। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने कांगड़ा जिले के आपदा तैयारी और प्रतिक्रिया के प्रयासों को सराहा है। अंतरराष्ट्रीय आपदा न्यूनीकरण दिवस पर जिला कांगड़ा को स्वयंसेवियों को प्रशिक्षित करने में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने के लिए पहला पुरस्कार प्राप्त हुआ है।
उपायुक्त हेमराज बैरवा ने बताया कि कांगड़ा जिला ने अब तक 9,500 स्वयंसेवियों को आपदा प्रबंधन के विभिन्न विषयों पर प्रशिक्षित किया है। उन्होंने कहा, आपदा प्रबंधन में आम जनमानस की सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए कांगड़ा में विशेष फोकस किया गया है, ताकि स्थानीय स्तर पर राहत और बचाव कार्य तुरंत शुरू हो सकें।
बैरवा ने बताया कि आपदा के दौरान स्वयंसेवियों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। स्थानीय स्तर पर प्रभावितों की निकासी और प्राथमिक उपचार में स्वयंसेवियों की मदद ली जाएगी। इसी उद्देश्य से प्रत्येक पंचायत में आपदा मित्रों और स्वयंसेवियों का गठन किया जा रहा है।
उन्होंने यह भी बताया कि पंचायत स्तर पर सुरक्षित भवन निर्माण के लिए मिस्त्रियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है, ताकि भूकंप जैसी आपदाओं के दौरान जान-माल की हानि कम से कम हो सके।
कांगड़ा जिला भूकंप की दृष्टि से संवेदनशील जोन में है। 1905 में कांगड़ा में आए भूकंप ने 20,000 से अधिक लोगों की जान ली थी। इसके मद्देनजर, मुख्यमंत्री ने कांगड़ा के पालमपुर में एक मुख्य एसडीआरएफ प्रशिक्षण संस्थान स्थापित करने की घोषणा की है, जिससे आपदा से प्रभावी तरीके से निपटने के लिए तैयारियों को और मजबूत किया जा सके।
इस पुरस्कार के माध्यम से कांगड़ा जिला ने आपदा प्रबंधन में अपनी प्रतिबद्धता और सक्रियता को साबित किया है।
हिन्दुस्थान समाचार / सतिंदर धलारिया